गुजरात के मेहसाणा जिले में बुधवार को 42 साल के व्यक्ति की उसी के समुदाय के लोगों की ओर से मंदिर पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर हत्या कर दी गई। गुजरात में यह एक हफ्ते में दूसरी बार है जब मंदिर पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर हिंसा हुई है।

मेहसाणा पुलिस की ओर से बताया गया कि मरने वाले व्यक्ति का नाम जशवंतजी ठाकोर है। वह एक मजदूर था। जसवंत के बड़े भाई अजीत के बयान के आधार पर गुरुवार को सदाजी ठाकोर, विष्णुजी ठाकोर, बाबूजी ठाकोर, जयंतजी ठाकोर, जवांजी ठाकोर और विनुजी ठाकोर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

लक्ष्मीपारा गांव के रहने वाले अजीत ने बताया कि घटना बुधवार शाम को करीब 7 बजे हुई। वहीं, अजीत ने पुलिस को अपने बयान में बताया कि जसवंत और उनकी ओर से घर के पास स्थित मेलडी माता के मंदिर में लाउडस्पीकर से आरती की जा रही थी। उस समय सदाजी हमारे पास आया और कहने लगा कि इतनी तेज आवाज में लाउडस्पीकर क्यों बजाया जा रहा है? मैंने उनसे कहा कि आरती की वजह से ऐसा हो रहा है जिसके बाद सदाजी नाराज हो गए और लाउडस्पीकर बजाने के लिए हमें गाली देने लगे।

एफआईआर के अनुसार, झगड़ा बढ़ने के बाद सदाजी ने अपने पांच साथियों को मौके पर लाठी डंडों के साथ घटनास्थल पर बुलाया। अजीत ने पुलिस को बताया करीब पांच आदमियों ने लाठी डंडों से हमारे ऊपर हमला बोला दिया। हमारी 10 साल की भतीजी ने अपनी माता को बुलाया जिसने पूरे झगड़े की सूचना पुलिस को दी।

झगड़े को देखकर सभी गांव वाले एकत्रित हो गए और हमले में घायल दोनों भाइयों को मेहसाणा सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जिसके बाद उनकी हालात हो देखते हुए अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। जसवंत की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि बुरी तरह घायल अजीत का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

इससे पहले 2 मई को अहमदाबाद के बवाला तालुका में 30 वर्षीय भरत राठोड़ भी ऐसा ही हमला हुआ था। यह विवाद भी मंदिर पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर था।