गुजरात में हार्दिक पटेल द्वारा चलाए गए पाटीदार आंदोलन में दरार पड़ती दिख रही है। सोमवार को दो पूर्व सहयोगियों ने जहां हार्दिक पटेल पर आरक्षण आंदोलन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने और आंदोलन शुरू करने के एक साल के भीतर करोड़पति बन जाने के आरोप लगाए थे। वहीं अगले ही दिन अपने ऊपर लगे इन संगीन आरोपों को हार्दिक पटेल ने सिरे से नकार दिया है। इतना ही एक अन्य सहयोगी ने हार्दिक पटेल को पत्र लिखकर दावा किया है कि आरोप लगाने वाले उन दोनों नेताओं में से एक के संबंध भारतीय जनता पार्टी से हैं।

दरअसल सोमवार को पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के दो महत्वपूर्ण सदस्यों चिराग पटेल और केतन पटेल ने हार्दिक के नाम लिखे एक खुले पत्र में ये आरोप लगाए थे। अपने पत्र में चिराग और केतन ने आरोप लगाया है कि 23 वर्षीय हार्दिक पटेल कोटा आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही ‘करोड़पति’ बन गया। समिति के नेताओं ने आरोप लगाया था, ‘नेता बनने की आपकी महत्वाकांक्षा, स्वार्थ और धनवान बनने की लालसा ने समुदाय के साथ ही हमारे आंदोलन को भी नुकसान पहुंचाया।’

Read Also: नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद बुद्धिजीवियों से मिले नीतीश कुमार, कार्यक्रम में बोले- जारी रहे इनटॉलरेंस के खिलाफ मुहिम

वहीं मंगलवार को इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में हार्दिक पटेल ने कहा, “मैं आंदोलन के प्रति ईमानदार हूं इसलिए इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं समझता। उनका कहना है कि मैं करोड़पति बन गया हूं, तो जिन-जिन लोगों ने पैसा दिया है वो मुझ पर आरोप क्यों नहीं लगा रहे।” बता दें कि चिराग और केतन दोनों ही अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के प्रमुख सदस्य हैं। देशद्रोह के आरोप में हार्दिक पटेल के साथ इन दोनों को भी जेल जाना पड़ा था। दोनों ने पत्र में आरोप लगाया था कि “मारे गए लोगों के परिजनों की मदद और आंदोलन के फंड के लिए आए चंदे के पैसे से हार्दिक और उनके चाचा विपुलभाई ने महंगी कारें खरीदीं।”

Read Also: प्रशांत किशोर ने बनाया प्रियंका को चुनावी प्रचार में उतारने का प्लान, पर पहले कराएंगे राहुल गांधी की पदयात्रा

मंगलवार को ही उत्तरी गुजरात के एक अन्य पाटीदार नेता अभिषेक पटेल ने हार्दिक पटेल को पत्र लिखा और केतन पटेल के भाजपा से संबंधित होने के आरोप लगाए। पत्र में अभिषेक ने बताया कि वह केतन पटेल का करीबी रह चुके हैं और उनके जेल में जाने से पहले और बेल पर बाहर आने के बाद भी दोनों साथ में थे। अभिषेक ने आरोप लगाया, “आंदोलन के समय मेरे सामने ही एक भाजपा नेता ने केतन से बातचीत की थी और आंदोलन को तोड़ने के लिए कहा था।”