व्यावसायिक संगठन द्वारा अपना आमंत्रण वापस लेने के बाद आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल का अगले हफ्ते होने वाला सूरत दौरा रद्द हो जाने के साथ ही एक नया विवाद आज शुरू हो गया और पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार के कहने पर ऐसा किया गया। पार्टी ने अपने दावे के समर्थन में एक ‘‘स्टिंग वीडियो’’ भी जारी किया। दिल्ली में आप के विधायक और गुजरात के लिए पार्टी पर्यवेक्षक गुलाब सिंह यादव ने दावा किया कि आप के स्टिंग आपरेशन से साबित होता है कि विश्वविद्यालय के अधिकारी गुजरात सरकार के दबाव के समझ झुक गए।

आप के कार्यक्रम के लिए सूरत व्यापारी महामंडल द्वारा दक्षिणी गुजरात विश्वविद्यालय का हॉल बुक कराया गया था। इसके पहले आज दिन में आप के राज्य प्रमुख कानू कलसारिया ने कहा, ‘‘सूरत व्यापारी महामंडल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दस जुलाई को सम्मानित करने और व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था। केजरीवाल नौ जुलाई को सोमनाथ मंदिर का दौरा कर गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरूआत करने वाले थे और अगले दिन वह सूरत जाने वाले थे।’’

कलसारिया ने दावा किया कि व्यावसायिक संगठन ने समारोह के लिए लिखित निमंत्रण देकर दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय का एक हॉल बुक कराया था जिसके लिए केजरीवाल ने दस जुलाई की तारीख दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सूरत के छोटे व्यवसायियों का संगठन दबाव में आ गया और अब निमंत्रण वापस ले लिया गया है। दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ने भी हॉल की बुकिंग रद्द कर दी है।

यादव ने दावा किया कि स्टिंग वीडियो आप के राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप को ‘‘साबित’’ करता है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि स्टिंग वीडियो में विश्वविद्यालय के अधिकारियों को आप कार्यकर्ताओं को यह कहते सुना जा सकता है कि अगर केजरीवाल कार्यक्रम में शामिल होंगे तो विश्वविद्यालय का हॉल नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक अन्य वीडियो में व्यापारिक संगठन के प्रमुख जय लाल को यह स्वीकार करते हुए देखा जा सकता है कि उन पर दबाव था और गांधीनगर में कुछ नेताओं ने कार्यक्रम रद्द करने के लिए कहा था।

आप के आरोपों को खारिज करते हुए प्रदेश भाजपा ने कहा कि सूरत कार्यक्रम इसलिए रद्द किया गया कि व्यापारिक संगठन ने महसूस किया कि आप उनके मंच का उपयोग अपने राजनीतिक एजेंडा के लिए करना चाहती है।