गुजरात के शहर सूरत के वराछा इलाके स्थित एक हीरा फैक्टरी में काम करने वाले 100 से ज्यादा हीरा कारीगरों की नौकरियां छिन गई हैं। कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारियों को बिना जानकारी दिए और सैलरी के भुगतान किए बिना ही गुरुवार को फैक्टरी बंद कर दी। फैक्टरी के मालिक जयेश धमेलिया से संपर्क नहीं किया जा सका है और उनके घर पर ताला लगा है। नौकरियां छिनने के बाद हीरा पॉलिश करने वाले इन कारीगरों ने सूरत डायमंड वर्कर्स असोसिएशन और सूरत डायमंड असोसिएशन में शिकायत दर्ज कराई है।

शनिवार की शाम सूरत के गोटलवाड़ी इलाके स्थित हीरा कंपनी मिथिली के कारीगर वराछा स्थित सूरत डायमंड वर्कर्स असोसिएशन के दफ्तर पहुंचे और अपने मालिक धमेलिया की शिकायत की। कारीगरों ने फैक्ट्री के बंद होने की जानकारी दी। उन्होंने असोसिएशन को बताया कि पिछले और इस महीने की सैलरी दिए बिना मालिक कहीं अंडरग्राउंड हो गया है। असोसिएशन के अध्यक्ष जयेश गजेरा ने अपने स्थानीय कॉन्टैक्ट्स के जरिए इस बात की पुष्टि की कि धमेलिया वाकई अंडरग्राउंड हो गए हैं। उन्होंने बताया, ‘हमने उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया लेकिन बंद मिला। हमने घर पर पता किया लेकिन बंद मिला। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को भावनगर जिले स्थित पैतृक घर भेज दिया है।’

मिथिली डायमंड्स में काम करने वाले कारीगरों में से एक तुषार पटेल ने बताया कि वह यहां तीन साल से काम कर रहा था। उन्होंने कहा, ‘मेरी मासिक सैलरी 17 हजार रुपये है, जो काम पर निर्भर करती है। हमें पता चला कि मालिक ने फैक्ट्री मैनेजर से कहा कि वह कई लोगों से बकाए का भुगतान लेने के लिए बाहर जा रहे हैं और उनके वापस आने तक फैक्ट्री बंद रहेगी।’ पटेल के मुताबिक, उनके पास दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पैसे नहीं हैं। उधर, गजेरा ने इन हीरा कारीगरों को वराछा स्थित सूरत डायमंड असोसिएशन लेकर गए और मदद मांगी। सूरत डायमंड असोसिएशन के अध्यक्ष बाबू भाई गुजराती ने कहा कि वे धमेलिया से संपर्क करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।