गुजरात के ध्रांगधरा से कांग्रेस विधायक पुरुषोत्तम सांवरिया को रविवार (28 अक्टूबर, 2018) के दिन रिश्वत के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि विधायक ने सिंचाई घोटाले के एक आरोपी से चालीस लाख रुपए की रिश्वत मांगी और बदले में मामले को स्थानीय स्तर या राज्य की विधानसभा में नहीं उठाने का आश्वासन दिया। पुलिस ने बताया कि सांवरिया दस लाख रुपए की रिश्वत ले चुके हैं। कांग्रेस विधायक के अलावा भारत गणेश्य को भी गिरफ्तार किया गया है। गणेश्य मोरबी के हलवाड़ टाऊन में एक वकील हैं, जो विधायक और घोटाले के आरोपी के बीच बिचौलिए का काम कर रहे थे। हालांकि कांग्रेस ने विधायक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए आरोप लगाया है कि घोटाले में शामिल भाजपा नेताओं को बचाने के लिए सांवरिया को ढाल के रूप में निशाना बनाया जा रहा है।
मोरबी के एसपी करनराज वघेला के मुताबिक, ‘विधायक ने अपने सहयोगी भारत गणेश्य के जरिए घोटाले के आरोपी से चालीस लाख रुपए मांगे। इसके बदले में कहा गया कि स्थानीय स्तर पर सिंचाई योजनाओं की मरम्मत और बहाली में अनियमितताओं के मुद्दे को उठाया नहीं उठाया जाएगा। साथ ही विधानसभा के सदन पटल पर भी मामले को नहीं उठाने को कहा गया।’ एसपी के मुताबिक आखिर में डील 35 लाख रुपए फाइनल हुई और बिचौलिए के जरिए मुख्य आरोपी से 10 लाख रुपए भी ले लिए। वहीं मोरबी डिविजन के डिप्टी एसपी बन्नो जोशी ने बताया कि हालांकि अभी तक विधायक से नगदी बरामद नहीं की गई है। मगर गणेश्य ने सांवरिया को 25 लाख रुपए के शेष भुगतान की सुरक्षा के रूप में बैंक चेक दिया था।
बता दें कि मामले में मोरबी जिले में सिंचाई विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा दर्ज कराई एफआईआर के करीब एक महीने बाद कांग्रेस विधायक को गिरफ्तार किया गया है। शिकायत में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सतीश उपाध्याय ने आरोप लगाया कि तब के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सीडी कनानी ने 334 तालाबों की मरम्मत और रेस्टॉरेशन के लिए साल 2017-18 और 2018-2019 में 20.31 करोड़ रुपए की मंजूरी दी, मगर जमीनी स्तर पर कोई बड़ा काम ही नहीं किया गया। मामले में सरकार को जब अनियमितताओं का पता चला तो सिंचाई विभाग ने पिछले महीने पांच कमेटियों का गठन किया और योजना में शामिल तालाब की जांच की गई। 46 चुने गए प्रोजेक्ट की जांच के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची की काम सिर्फ कागजों पर ही हुआ है, सच्चाई तो यह है कि काम हुआ ही नहीं। सामने आया कि जिन 46 प्रोजेक्ट की जांच की गई वहां 66.91 लाख रुपए की अनियमितता की गई।
इसपर नर्मदा, वॉटर रिसोर्सेज, वॉटर सप्लाई और कल्पसार विभाग के सतीश उपाध्याय ने 27 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसके आधार पुलिस ने सीडी कनानी, जो अब रिटायर्ड हैं, और अन्यों के गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने पांच अक्टूबर को भारत राठौड़, मालवीय विलेज लेबर्स कॉर्पोरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष और गनपत राठौड़, जो बाद में कॉर्पोरेटिव सोसायटी देख रहे थे, को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि कॉर्पोरेटिव सोसायटी उन में से एक थी, जिसे मरम्मत का काम सौंपा गया था। ये सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
दूसरी तरफ पहली बार चुनाव जीत सदन में पहुंचे विधायक की गिरफ्तारी पर, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा, ‘क्या सदन पटल पर उठाए गए किसी भी मुद्दे पर राज्य सरकार काम करती है? सांवरिया को पुलिस ने निशाना बनाया है क्योंकि भाजपा के बड़े नेता मोरबी घोटाले में शामिल हैं।’
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