गुजरात के स्कूलों में अब छात्रों में देशभक्ति की भावना बढ़ाने के लिए नई व्यवस्था शुरू करने की तैयारी की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक विजय रूपाणी सरकार छात्रों के उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया में नया प्रयोग कर रही है। नई व्यवस्था के तहत कक्षाओं में उपस्थिति दर्ज कराने के दौरान छात्रों को जी सर, यस सर या ऐसे ही अन्य संबोधनों के बजाए जय हिंद या जय भारत बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। राजस्थान सरकार एक शिक्षक से प्रेरित होकर इस पर काम कर चुकी है। वहां कई स्कूलों में उपस्थिति के समय ‘जय हिंद, जय भारत’ ही बोला जाता है।

नई पहल पर यह बोले शिक्षा मंत्रीः राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा के मुताबिक फिलहाल इस योजना पर विचार किया जा रहा है। सरकार का मानना है, ‘जय हिंद, जय भारत बोलने पर बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ेगी। अभी जिस तरह से उपस्थिति दर्ज कराई जाती है उससे बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखने को नहीं मिलता।’ हालांकि यह व्यवस्था कब से शुरू होगी इसके संबंध में अभी कोई जानकारी सामने हीं आई है।

क्या आप जानते हैं किसने दिया था यह नाराः पूर्व नौकरशाह नरेंद्र लूथर की किताब ‘लींजेंडोट्स ऑफ हैदराबाद’ में लिखित एक लेख के मुताबिक ‘जय हिंद’ का नारा हैदराबाद के एक कलेक्टर के बेटे जैनुल आबेदीन हसन ने दिया था, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए जर्मनी गए थे। बाद में हसन ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस से प्रेरित होकर उन्हीं के साथ जुड़ गए। वे उनके लिए दुभाषिए का काम भी करते थे।