Gujarat Police: गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि पिछले एक साल में पकड़ी गई ड्रग्स की मात्रा 50 साल में राज्य से जब्त की गई अवैध शराब से अधिक है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) में ‘गुजरात में तटीय सुरक्षा की बारीकियों पर गोलमेज सम्मेलन’ में कोस्टल पुलिस के डीआईजी नीलेश जजादिया ने कहा- “जितनी अवैध शराब हमने 50 साल में नहीं पकड़ी, उतनी ड्रग्स गुजरात पुलिस और अन्य एजेंसियां ने एक साल में पकड़ी और यह एक उपलब्धि है।” जजादिया ने तटीय सुरक्षा के बारे में बंदरगाह संचालकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए आरआरयू की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उपलब्धि का श्रेय संशोधित मत्स्य अधिनियम को दिया
उन्होंने इस बरामदगी का श्रेय अवैध अपतटीय गतिविधियों पर मुकदमा चलाने और समुद्री पुलिस को सशक्त बनाने के लिए दो साल पहले संशोधित मत्स्य अधिनियम को दिया। उन्होने कहा, “पहली बार, हमारी पुलिस ने तटों को छोड़ दिया और पानी में प्रवेश किया। आप सभी जानते हैं कि एटीएस और अन्य एजेंसियां कितनी ड्रग्स पकड़ रही हैं।”
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, कार्यक्रम का उद्देश्य तटीय समुद्री पुलिस सेवा, अंतर-एजेंसी समन्वय (Inter-Agency Coordination), क्षमता निर्माण पहल (Capacity Building Initiatives), वित्तीय बाधाओं (Financial Constraints), ढांचागत सीमाओं (Infrastructural Limitations) और व्यावहारिक समाधानों (Practical Solutions) में परिचालन संबंधी मुद्दों (Operational Issues) पर चर्चा करना था।
जो काम दशकों में नहीं हुआ, वह अब हुआ
बेट द्वारका द्वीपों (Bet Dwarka islands)और अवैध निर्माणों के खिलाफ चलाए जा रहे ध्वस्तीकरण अभियान का नाम लिए बिना, उन्होंने गुजरात तट से दूर 20 निर्जन द्वीपों पर तिरंगा फहराने के निर्देश जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।“ कहा- आप सभी जानते हैं, तट पर अनधिकृत निर्माण हो रहा था…।
उन्होंने कहा- “दशकों में कुछ नहीं हुआ… आजादी के बाद पहली बार 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर मरीन पुलिस ने बीएसएफ और कोस्ट गार्ड के साथ मिलकर 20 निर्जन द्वीपों पर झंडा फहराया, प्रधान मंत्री ने हमें ऐसा करने का निर्देश दिया।”
बताया, “हालांकि समुद्री पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को खतरे की जानकारी है, दूसरे लोग, विशेष रूप से बंदरगाह का उपयोग करने वाले और बंदरगाह ऑपरेटरों को तटीय सुरक्षा के बारे में जानकारी नहीं हैं।” उन्होंने कहा, बेदी (Bedi) में एक सफल “मॉक अटैक” के दौरान उन्हें वह सब बताया गया, जो उनके काम को सुविधाजनक बनाने के लिए जरूरी है। उन्हें सुरक्षा खतरों की बिल्कुल भी जानकारी नहीं हैं।”
जजादिया के अनुसार, गुजरात में 2006 में स्थापित समुद्री तटीय सुरक्षा बल, “देश में पहला समुद्री कार्य बल” था। उन्होंने कहा कि अवैध गतिविधियों के खिलाफ केस चलाने का अधिकार मिलने के बाद से हर साल कानून तोड़ने वाले लगभग 50 लोगों पर कार्रवाई की जाती है।