गुजरात शिक्षा विभाग ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से पूर्वी अहमदाबाद  के दिल्ली पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द करने का अनुरोध किया है। विभाग का कहना है कि बोर्ड को दिए गए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) में कई अनियमितता और जालसाजी मिली है। गुजरात सरकार ने पूर्वी अहमदाबाद कैंपस में दिल्ली पब्लिक स्कूल से चलाए जा रहे नित्यानंद आश्रम की जांच में पाया कि, “सीबीएसई सचिव के 21.11.2019 के पत्र में राज्य सरकार के एनओसी को शिक्षा विभाग ने कभी नहीं जारी किया है। प्रथम दृष्टया यह आपराधिक गलत बयानी, जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला है।”

गुरुकुल की तरह शिक्षा देने के लिए दी गई थी भूमि  : विभाग की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि कैलोरिक्स एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन, जो अहमदाबाद में डीपीएस स्कूलों को चलाता है, और नित्यानंदेश्वर देवस्थानम ट्रस्ट के बीच हुए अवकाश और लाइसेंस समझौते के अनुसार 15 जुलाई 2019 को परिसर के एक हिस्से के बारे में निर्णय लिया गया। इसके अनुसार स्कूल की भूमि का एक हिस्सा और इससे सटे उपलब्ध जगह को फाउंडेशन ने ट्रस्ट को गुरुकुल की तरह शिक्षा देने के लिए संस्था बनाने को एक जून 2019 से एक रुपया प्रति वर्ष के टोकन रेंट पर पांच साल के लिए दी है।

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जमीन भी ट्रस्ट के नाम नहीं  : शिक्षा विभाग के सचिव विनोद राव के मुताबिक, “एक और बड़ा उल्लंघन यह है कि आज भी यह जमीन ट्रस्ट के नाम पर नहीं है। यह एक किसान की है और इस भूमि पर गैर-कृषि उपयोग की अनुमति नहीं है।” प्राथमिक जांच में यह भी पता चला कि स्कूल ने राइट टू एजूकेशन तथा माध्यमिक और उच्च शिक्षा के नियमों का भी उल्लंघन किया है। डीपीएस ईस्ट में दाखिल आश्रम के 24 बच्चों में से 18 को बिना किसी सहायक दस्तावेज के लिया गया है।

शिक्षा विभाग ने दस्तावेज की कॉपी मांगी : शिक्षा सचिव राव ने कहा, “हमने सीबीएसई से निवेदन किया है कि मान्यता तत्काल रद्द की जाए। हमने दस्तावेजों की एक सत्यापित कॉपी के लिए भी अनुरोध किया है। जिससे विभाग आपराधिक गलतबयानी और जालसाजी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू कर सके”