कुछ महीने पहले संपन्न हुए पंजाब चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी की नजरें अब गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं। गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी खुद को सत्तारूढ़ भाजपा के विकल्प के तौर पर मुख्य दावेदार के रूप में देख रही है। वहीं, कांग्रेस और राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पार्टी विपक्षी वोटों को बांटने का काम करेगी जिससे भाजपा को ही फायदा होगा।

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कांग्रेस का भी यही दावा है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी गुजरात में भाजपा की ‘बी-टीम’ है। गुजरात के 182 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव इस साल दिसंबर में होना है। यहां पर पिछले दो दशक से भाजपा का शासन है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को टक्कर दी थी लेकिन फिर भी पार्टी सत्ता तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाई थी। गुजरात में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अब तक भाजपा का विकल्प नहीं बन पायी है।

दूसरी तरफ, पंजाब में आम आदमी पार्टी की जबरदस्त जीत के बाद से पिछले तीन महीने में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने चार बार गुजरात का दौरा किया है। जबकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को छोड़कर कोई केंद्रीय नेता यहां नहीं आया है। राहुल पिछले दो महीने में एक बार यहां आए हैं। हाल में ही हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामकर पार्टी की मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. संदीप पाठक कहते हैं, “हम जहां भी चुनाव लड़ते हैं, वैज्ञानिक तरीका अपनाते हैं। हमने अन्य राज्यों में इस आधार को अपनाया है और गुजरात में भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है। हमारे आंतरिक सर्वे के मुताबिक, हम आज की तारीख में कुल 58 सीटें जीतेंगे।” जबकि राजनीतिक पर्यवेक्षक हरि देसाई ने कहा कि आम आदमी पार्टी विपक्ष के वोटों को बांटने का काम करेगी, नतीजन भाजपा को फायदा पहुंचेगा।”

राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल ने आप की संभावनाओं पर कहा कि आम आदमी पार्टी एक वैकल्पिक एजेंडा वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सूरत और गांधीनगर समेत कुछ अन्य नगरपालिकाओं में हुए निकाय चुनावों में पार्टी ने लगभग 18 से 20 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। गोहिल ने कहा कि आप के पास इस साल गुजरात चुनाव में एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरने का एक असल मौका है। उन्होंने कहा कि आप अब तक अपने अभियान को गति देने में सफल रही है।