ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए रेमेडिएशन प्लांट का निर्माण करवाया है। यह प्लांट आज से काम करने लगा है। ब्राजील और भारत की एक कंपनी ने मिलकर इसका निर्माण किया है। नोएडा के लखनावली में इस प्लांट को लगाया गया है। नए प्लान के मुताबिक अब शहर का कूड़ा शहर में इस्तेमाल हो जाएगा।

नोएडा अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो लखनवाली प्लांट में डंप 3 लाख टन से ज्यादा कूड़े में से किचन वेस्ट को अलग किया जाएगा। किचन से निकले कूड़े से खाद बनाई जाएगी। इस खाद का इस्तेमाल नोएडा अथॉरिटी अपने यहां बागवानी में करेगी।

इस तरह से करीब 50 फीसदी कूड़ा निपट जाएगा। बाकी जो 50 प्रतिशत बचेगा उसे प्लास्टिक वेस्ट को अलग कर रीसाइकिलिंग प्लांट को भेजा जाएगा। वहां प्लास्टिक वेस्ट से फ्यूल या मल्टी लेयर बोर्ड बनाए जाएंगे। यह वो बोर्ड होंगे जिनसे कुर्सी बेंच, ट्री गार्ड बनाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं कंस्ट्रक्शन साइट से निकले कूड़े का इस्तेमाल सड़क बनाने और गड्ढे भरने के लिए किया जाएगा। इस प्लांट को रेमेडिएशन नाम दिया गया है।

खबरों के अनुसार इस प्लांट से रोजाना 10 ट्रक से अधिक मिट्टी निकलेगी, जिसका इस्तेमाल छह प्रतिशत आबादी प्लॉट को विकसित करने और अन्य सड़कें बनाने में किया जाएगा। इस प्लांट से निकलने वाले खाद को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर की हरियाली बढ़ाने में उपयोग करेगा। इनर्ट वेस्ट को लैंडफिल साइट पर किया जाएगा।

रेमेडिएशन प्लांट का निर्माण करने वाली कंपनी एवियन एमरो ने कहा है कि यहां पर पावर स्कैनर,ट्रॉमेर और वेइंग ब्रिज आदि मशीनों को शुरू किया गया है। एसीईओ ने कहा कि शहरीकरण का सबसे बड़ी चुनौती कूड़े का उचित प्रबंधन है। ग्रेटर नोएडा ने इस और बड़ा कदम उठाया है। लखनावली में एकत्रित कूड़े का प्रबंधन करना बहुत जरूरी था। मानव स्वास्थ्य के लिए भी यह उपयोगी है।