किसी ट्रांसजेडर का शारीरिक, यौन, भावनात्‍मक यहां तक कि आर्थिक उत्‍पीड़न करने पर भी दो साल तक की सजा हो सकती है। मिनिस्‍ट्री ऑफ सोशल जस्‍ट‍िस एंड एम्‍पावरमेंट की ओर से तैयार किए गए बिल को अगर तुरंत मंजूरी मिल जाए तो ऐसा मुमकिन है।मंत्रालय के मुखिया थावर चंद गहलोत ने सभी मंत्रालयों को 23 मार्च को ‘राइट्स ऑफ ट्रांसजेंडर पर्सन बिल 2016’ पर एक ड्राफ्ट कैबिनेट नोट भेजा है। इसमें मंत्रालयों से उनकी राय मांगी गई है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक, किसी ट्रांसजेंडर शख्‍स को भीख मांगने के लिए मजबूर करने, पब्‍ल‍िक प्‍लेस में उन्‍हें घुसने से रोकने, घर-गांव छोड़ने पर मजबूर करने, नुकसान पहुंचाने, शारीरिक या मानसिक तौर पर पीडि़त करने पर कम से कम छह महीने जबकि ज्‍यादा से ज्‍यादा दो साल की जेल होगी।

बिल में ट्रांसजेडर्स को कानूनी पहचान, शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण समेत अन्‍य अधिकार और सुविधाएं देने की बात है। हालांकि, ओबीसी कोटा के तहत सुविधा लेने के लिए यह जरूरी है कि शख्‍स एससी या एसटी न हो। 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में 6 लाख ट्रांसजेंडर्स हैं।