उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले सरकार ने इस साल दिसंबर में अयोध्या में वर्ल्ड रामायण कॉन्क्लेव आयोजित करने पर विचार कर रही है। सरकार इस कार्यक्रम को अराजनीतिक बता रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस कॉन्क्लेव में 12 देश शामिल हो सकते हैं। बता दें कि अयोध्या में बाबरी विवादित ढांचे के विध्वंस की बरसी भी दिसंबर में आती है। इसके चलते इस कार्यक्रम पर विवाद हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावों से पहले साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की आशंका जताई जा रही है। अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम को भी इसी दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। यूपी में भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है। साल 2014 में लोकसभा में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद भाजपा को उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों में भी उसे फायदा होगा।
आम चुनावों में भाजपा ने यूपी की 80 में से 71 सीटें जीत ली थीं। इस दौरान सपा पांच और कांग्रेस दो सीटों पर जीती थी। बसपा का यहां पर खाता भी नहीं खुल पाया था। भाजपा का वोट शेयर भी 42 प्रतिशत रहा। इससे दो साल पहले 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को केवल 47 सीट मिली थी और उसका वोट प्रतिशत 15 था। सपा ने अकेले दम पर सरकार बनाई थी।