मध्य प्रदेश के दामोह स्थित जिला अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल लाया गया था। उस दौरान स्टाफ ने 5 हजार रुपए की मांग की, जो नहीं देने पर महिला को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया। इस दौरान नली में फंसने से नजवात की मौत हो गई। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद डीएम ने एसडीएम को मौके पर भेजा। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
5 घंटे तक तड़पती रही महिला : पीड़ित महिला के पति बृजेश रेकवार ने बताया, ‘‘मैं अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए सरकारी अस्पताल आया था। नर्स ने मुझसे कहा कि इलाज से पहले मुझे 5000 देने होंगे, नहीं तो मेरी पत्नी का इलाज नहीं किया जाएगा। हमने किसी तरह 4500 रुपए जोड़े, लेकिन नर्सों का दिल नहीं पसीजा। उन्होंने इलाज करने से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में मैंने अपनी पत्नी को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया।’’
नली में फंसने से बच्चे की मौत : बताया जा रहा है कि पैसों के लेन-देन के चक्कर में नर्सों ने करीब 5 घंटे तक महिला का इलाज नहीं किया। इस दौरान वह दर्द से तड़पती रही। वहीं, इस बीच बच्चा नली में फंस गया और दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
अस्पताल ने आरोपों से किया इनकार : अस्पताल के स्टाफ ने रुपए मांगने के आरोप से इनकार किया है। वहीं, एसडीएम नारायण सिंह का कहना है कि हम इस मामले को देख रहे हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी। एक सर्वे के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मौत के आंकड़े करीब 38 फीसद हैं। इस वक्त प्रदेश के 51 जिलों के 250 अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है।