पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए शुक्रवार (26 अगस्त) को आरोप लगाया कि वह राज्य की परियोजनाओं का पैसा रोककर या उसमें कटौती करके धन बचाने की कोशिश कर रही है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सूट पर बड़ी राशि खर्च कर दी गई। ममता ने चेतावनी दी कि अगर पिछली वाम मोर्चा सरकार से विरासत में मिले भारी भरकम कर्ज पर तीन महीने के अंदर छूट नहीं दी गयी और संघीय ढांचे में हस्तक्षेप नहीं रुका तो नई दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार ने विभिन्न राज्य सरकारों की परियोजनाओं का पैसा या तो रोक दिया है या उसमें कटौती कर दी है। वह धन बचाने की कोशिश कर रहे हैं। आप किसके लिए पैसा बचाएंगे? क्या आप कोट के लिए पैसा बचाना चाहते हैं और गिनीज बुक में नाम दर्ज कराना चाहते हैं?’
तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘आप अच्छे काम के लिए गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं लेकिन कल्पना कीजिए कि लोग केवल कोट की सिलाई की वजह से ऐसा कर रहे हैं।’ मोदी ने पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के दौरान अपने नाम की कढ़ाई वाला जो सूट पहना था उसे नीलामी में सबसे अधिक कीमत पर बेचे गए सूट के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है। इस पर विपक्ष की ओर से आलोचना शुरू हो गई।
खबरों के मुताबिक सूट 10 लाख रुपए में तैयार हुआ था और 11 लाख रुपए के आधार मूल्य पर इसकी नीलामी की गई। सूट की नीलामी से मिली राशि को केंद्र सरकार के स्वच्छ गंगा मिशन में दिया गया है। इसके बाद ममता ने केंद्र सरकार के इस नियम की आलोचना की कि अगर छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है तो उन्हें छात्रवृत्ति या अन्य फायदे नहीं मिलेंगे। ममता ने कहा, ‘इसे रोकने वाले वे कौन होते हैं? सरकार को समझना चाहिए कि हम किसी की दया पर सत्ता में नहीं आए हैं। केंद्र का अपना अधिकार क्षेत्र होता है और राज्य का अपना। केंद्र को राज्य के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।’ उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार हस्तक्षेप करना बंद नहीं करती और तीन महीने में छूट नहीं देती तो दिल्ली में आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सकारात्मक मुद्दों पर हमेशा केंद्र को सहयोग दिया लेकिन केंद्र की ओर से कभी ऐसा सहयोग नहीं मिला।
मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार पर ठीक से काम करने के बजाय विज्ञापन देने में अधिक दिलचस्पी रखने का आरोप लगाया। ममता ने बीएसएफ द्वारा कथित तौर पर ग्रेटर कूट बिहार पीपुल्स एसोसिएशन की नारायणी सेना को प्रशिक्षण दिए जाने के संदर्भ में भी बात की और केंद्र पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘कल्पना कीजिए कि बीएसएफ ऐसे लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है जो देश और राज्य को तोड़ना चाहते हैं। एक सांसद (भाजपा के) केंद्र को उनके (नारायणी सेना के) पक्ष में पत्र लिख रहे हैं और कह रहे हैं कि उसे भारतीय सेना में शामिल किया जाए। उनकी पार्टी के कार्यकर्ता हर घर में जाकर गायों की गिनती कर रहे हैं। हम इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ बीएसएफ ने आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया है।