Gorakhpur Railway Station: दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन अब आपको नई रूप में दिखाई देखा। इस रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इस रेलवे स्टेशन का निर्माण अंग्रेजों के समय किया गया है। अब इसका कायाकल्प किया जा रहा है। रेलवे की ओर से पूरे प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की गई है। इसके निर्माण पर 612 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसका मॉडल एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार किया गया है। यहां आने वाले यात्रियों को गोरखपुर की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी।

क्या होगा खास

स्टेशन के अंदर जाते ही लोगों को एयरपोर्ट जैसा अहसास होगा। कुछ दिनों पहले इस मॉडल को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी देखा था। उन्होंने भी इसकी तारीफ की थी। नए भवन में होटल, रूफ प्‍लाजा, फूड कोर्ट, कामर्शियल काम्‍प्‍लेक्‍स, बच्‍चों के खेलने के लिए पार्क के साथ अगले 50 सालों के प्‍लान के मुताबिक कनेक्टिविटी का भी खास ध्‍यान रखा जाएगा। इतना ही नहीं मेट्रो और बस स्टेंड से भी इसे कनेक्ट किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इसके पूरा होने के बाद सारे कार्यालयों और सामान को उसमें शिफ्ट करने के बाद पुराने भवन को तोड़ा जाएगा। स्टेशन पर रोजाना 90 हजार से अधिक यात्रियों का आमागमन होता है।

रेलवे स्टेशन के साथ ही मल्टीलेवल पार्किंग और मॉल भी बनाने का प्रावधान किया गया है। यहां करीब 1000 गाड़ियों की क्षमता होगी। स्टेशन पर रूफ प्लाजा फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, ए.टी.एम. एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया गया है। 6 मीटर चौड़े दो अतिरिक्त पैदल एफओबी भी बनाए जाएंगे।

कितना पुराना है गोरखपुर रेलवे स्टेशन

गोरखपुर रेलवे स्टेशन अंग्रेजों से समय में 15 जनवरी 1885 को अस्तित्व में आया था। तब सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण किया गया था। इसके अगले ही साल उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्‍शन बना। साल 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जंक्‍शन बड़ी लाइन से देश के अन्य महानगरों से जुड़ा। गोरखपुर जंक्‍शन स्टेशन का यार्ड रिमॉ‍डलिंग 6 अक्टूबर, 2013 को पूरा हुआ। इस निर्माण पूरा होने के बाद गोरखपुर जंक्‍शन स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लम्बा प्लेटफॉर्म बना था। इस स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं।