Samajwadi Party Protest of Wards Name Changing: गोरखपुर शहर के वार्डों के नाम बदले जाने को लेकर हंगामा मचा हुआ है। नगर निगम के चुनाव से पहले शहर के 24 वार्डों के नाम बदले जा रहे है और इनकी जगह महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम रखे जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार वार्डों के पुराने मुस्लिम नामों को खत्म कर रही है। पार्टी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

अभी हाल ही में परिसीमन के बाद शहर में वार्डों की संख्या 70 से बढ़कर 80 हो गई है। समाजवादी पार्टी का कहना है कि अगर महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम रखे जाने हैं तो जो नए वार्ड बने हैं, उनके नाम कर दिए जाएं, लेकिन नगर निगम ऐसे नामों को बदल रहा है जो मुस्लिम नामो से जाने जाते हैं। इस विरोध को भाजपा गलत बता रही है।

भाजपा पार्षदों का कहना है कि सरकार और नगर निगम कोई भेदभाव नहीं कर रहा है। महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर वहीं नाम बदले जा रहे हैं, जहां जनता ने मांग की थी। या ऐसे वार्ड जहां महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के संबंध रहे हैं।

मेयर का कहना है कि नए नाम गर्व की भावना पैदा करते हैं

मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा, “नए नाम गर्व की भावना पैदा करते हैं। शहीद अशफाकउल्लाह खान, शिव सिंह छेत्री हमारे लिए सम्मान के प्रतीक हैं। बाबा गंभीर नाथ, बाबा राघवदास, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय ने हमें संस्कृति और आध्यात्मिकता की विरासत दी और वार्ड का नाम ऐसे लोगों के नाम पर रखा गया है।”

अब कई वार्ड महाराणा प्रताप, पंडित मदन मोहन मालवीय, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद अशफाकउल्ला खान आदि महापुरुषों के नाम से जाने जाएंगे। मोहद्दीपुर का नाम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखा गया है, क्योंकि इस वार्ड में सिख समुदाय की भी काफी जनसंख्या है।

एक वार्ड का नाम सिंधी समुदाय के स्वामी झूलेलाल के नाम पर रखा गया है। नौसढ़ में निषाद समुदाय की एक बड़ी आबादी है, इसलिए इसका नाम मत्स्येंद्र नगर रखा गया है। कुछ अन्य वार्ड का नाम बाबा गंभीरनाथ, फिराक गोरखपुरी, महात्मा ज्योतिबा फुले, बंधु सिंह, संत झूलेलाल नगर और अन्य विश्व प्रसिद्ध लोगों के नाम पर रखा गया है।