गोरखपुर को योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है, लेकिन हालिया उप-चुनाव में भाजपा की हार से योगी आदित्यनाथ समेत पूरी भाजपा को बड़ा झटका लगा था। अब खबर मिली है कि सिर्फ विपक्षी पार्टियां ही नहीं बल्कि कुछ भाजपा सासंदों ने भी गोरखपुर उप-चुनाव में पार्टी की हार पर जश्न मनाया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कुछ नेताओं का कहना था कि अति-आत्मविश्वास को तोड़ने और हेकड़ी निकालने के लिए यह हार बेहद जरुरी थी। योगी आदित्यनाथ के विरोधियों में खुशी है कि आदित्यनाथ, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के मुख्य प्रचारक के तौर पर उभरे हैं, के आभामंडल में दाग लग गया है। गोरखपुर के उप-चुनाव में भाजपा की हार से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ सांसद काफी खुश हुए थे।

कहा जा रहा है कि ये वो नेता हैं, जो उन पर योगी आदित्यनाथ को तरजीह दिए जाने से नाराज थे। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह खबर काफी निराशाजनक है कि सीएम खुद अपनी सीट गंवा चुके हैं, जिस पर वह पिछले काफी समय से काबिज थे। योगी की हार से उत्तर प्रदेश में भी काफी लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों का तो ये भी इच्छा है कि योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए। एक नेता का कहना है कि अगर आप अपनी पारंपरिक सीट पर हार चुके हो, जिस पर आपका पिछले काफी समय से कब्जा था। आप कैसे सत्ता में रह सकते हैं? कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस्तीफा देकर योगी हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना सम्मान बचा सकते हैं।

वहीं कुछ नेताओं का मानना है कि गोरखपुर की हार योगी आदित्यनाथ के कर्नाटक में होने वाले कैंपेन को भी प्रभावित कर सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक में होने वाली योगी आदित्यनाथ की रैलियों में अब कम भीड़ जुटने की आशंका जतायी जा रही है। बता दें कि योगी आदित्यनाथ इससे पहले केरल, त्रिपुरा समेत कई राज्यों में पार्टी के मुख्य प्रचारक के तौर पर प्रचार कर चुके हैं। ऐसे में गोरखपुर की हार से उनकी राष्ट्रव्यापी छवि को धक्का लग सकता है।