महाराष्ट्र के जेल अधिकारियों ने इस साल से सभी केंद्रीय जेलों में योग पर एक पेपर शुरू करने का फैसला किया है। इसमें अच्छे नंबर लाने पर कैदियों की सजा में तीन महीने तक की कमी की जाएगी। यहां आयोजित एक दिवसीय योगा कैंप के दौरान एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (जेल) भूषण कुमार उपाध्याय ने द इंडियन एक्सप्रेस को यह जानकारी दी है।
एडीजीपी (जेल) के पास किसी सजायफ्ता की कैद की अवधि तीन महीने तक कम करने का अधिकार होता है। वे इस अधिकार का इस्तेमाल योगा की परीक्षाओं में बेहतर नतीजे लाने वाले कैदियों के लिए करेंगे। हाल ही में जेल विभाग के लोग इजराइल के दौरे पर गए थे। जेल के सिस्टम में सुधार की कोशिशों में योग को भी शामिल करने का आइडिया वहीं से मिला है। मुख्य सचिव (जेल) डॉ विजय सतबीर सिंह, एडीजीपी उपाध्याय, डीआईजी (जेल) विपिन कुमार सिंह ने इसराइल में आयोजित एक योग कैंप में हिस्सा लिया था। वहां उन्होंने कई विदेशियों को बेहद आसानी से योग करते देखा।
प्रस्तावित योग के पेपर में दो हिस्से होंगे। एक शारीरिक परीक्षा और दूसरी लिखित। हर परीक्षा के लिए अधिकतम 50 नंबर मिलेंगे। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी इस क्षेत्र में माहिर लोगों की होगी। उपाध्याय ने बताया, ”पहली परीक्षा इस साल मई में होगी। इसके बाद अगली परीक्षा अक्टूबर-नवंबर में होगी। एक्सपर्ट्स के मूल्यांकन के बाद यह तय किया जाएगा कि कैदी को कोई छूट मिलनी चाहिए या नहीं।”