उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में करीब सप्ताह भर पूर्व से लापता चल रही जिन दो सगी बहनों की हत्या की आशंका जताई गई थी, जिला पुलिस की स्वाट टीम उन्हें इलाहाबाद से गोण्डा ले आई है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि शहर के सुभाष नगर मोहल्ले की दो सगी बहनें संगीता व लक्ष्मी बीते 30 नवंबर से घर से लापता थीं। उनके परिवारीजनों ने तलाश की, मगर वह नहीं मिलीं। चार दिसंबर को सीतापुर में एक ट्राली बैग में दो युवतियों के कटे हुए सिर व लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र में धड़ बरामद हुए। इसकी पड़ताल के दौरान इन लापता बहनों के भाई ने लखनऊ पहुंचकर दोनों शवों की पहचान अपनी बहनों के रूप में की। मगप परिजनों ने जिन्हें मरा समझा, वह जिंदा थीं।
एसपी ने बताया कि दोनों बहनों में बड़ी बहन का संबंध इलाहाबाद के दारागंज के रहने वाले श्याम सिंह से ढाई साल पहले कालेज का फॉर्म भरते हुआ था। इसी के बाद दोनों में मोहब्बत हुई और उन्होंने शादी कर ली। एसपी के मुताबिक, श्याम सिंह के दोस्त मुट्ठीगंज के रहने वाले राहुल गुप्ता से छोटी के संबंध हो गए। उन दोनों ने शादी रचा ली। एसपी ने बताया कि श्याम व राहुल ने दोनों को मोबाइल उपलब्ध कराया, मगर बाद में उनके सिम बंद हो गए। दोनों नंबरों को सविर्लांस से तलाशा गया तो एक की लोकेशन इलाहाबाद के दारागंज और दूसरे की मुट्ठीगंज में मिली।
स्वाट टीम के प्रभारी मनीष पांडेय को महिला पुलिस के साथ वहां भेजा गया। वहां पर दोनों घर से निकल गए थे, लेकिन घर वालों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि दोनों बहनों ने शादी कर ली है और यहां रह रही हैं। इसके बाद पुलिस टीम दोनों को गोण्डा ले आई। स्वाट प्रभारी मनीश पांडेय ने बताया कि दोनों बहनों को उनके पतियों के साथ मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। दोनों अपने को बालिग बताते हुए शादी कर चुकी हैं।
इस बीच लक्ष्मी ने कहा कि राहुल उसे भगा कर नहीं ले गया था, बल्कि वह खुद अपने घर से बड़ी बहन के साथ भाग कर राहुल के पास इलाहाबाद गई थी। लक्ष्मी ने कहा कि वह राहुल से जबकि बड़ी बहन संगीता श्याम से शादी की ठान चुकी थीं। घरवालों को यह बात पता चली तो भाइयों ने कई बार उन्हें बेरहमी से पीटा। कुछ महीने पहले जिंदा जलाने की कोशिश की। उन दोनों पर गैलन से मिट्टी का तेल डाल दिया था। तब पिता ने किसी तरह जिंदा जलाने से बचाया। अब अगर वे नहीं भागती तो किसी भी दिन उन दोनों को जला कर मार डाला जाता।
इलाहाबाद में बताशा-गट्टा की दुकान चलाने वाले राहुल गुप्ता ने बताया कि ऊंचामंडी में रहने वाला उसका दोस्त श्याम सिंह करीब तीन साल से लक्ष्मी की बड़ी बहन संगीता से फोन पर बात करता और मिलने जाता था। श्याम से ही मोबाइल नंबर लेकर वह संगीता की छोटी बहन लक्ष्मी से बात करने लगा था। पिछले दो साल में वह कई बार गोण्डा में उनसे मिलने भी गया। 29 नवंबर की शाम संगीता और लक्ष्मी गोण्डा में घर से निकलकर श्याम से मिलीं। वहां से वे तीनों बस में दूसरे रोज इलाहाबाद पहुंच गए। राहुल के मुताबिक, संगीता बस से उतरी तो उसकी मांग में सिंदूर था। श्याम ने कहा कि वे दोनों शादी रचा चुके हैं। बस अड्डे से श्याम-संगीता अपने घर चले गए। लक्ष्मी को लेकर राहुल नैनी में आर्य समाज मंदिर पहुंचा। वहां अपनी मां की मौजूदगी में उसने लक्ष्मी से ब्याह कर लिया। फिर उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अदालत ने उन दोनों को बालिग मानते हुए पुलिस को परेशान नहीं करने की हिदायत दी।