गोवा में इसी साल इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में बुरी तरह मात खाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य की 1,522 ग्राम पंचायतों में होने वाले चुनाव में करीब 15 फीसदी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। आप के प्रवक्ता एश्ले डू रोसिरियो ने यहां पत्रकारों से कहा कि पार्टी राज्य की चार तालुका की ग्राम पंचायतों से खड़े होने वाले अपने उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। रोसारियो ने कहा, “हम बारदेज, सालसेटे, मोर्मुगाव और तिसवाडी में अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन करेंगे..कुल मिलाकर हम राज्य की 15 फीसदी ग्राम पंचायतों से खड़े हो रहे अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन करेंगे।” गोवा में ग्राम पंचायत चुनाव से राजनीतिक दल दूर ही रहते हैं, हालांकि कई बार पार्टियां किसी खास उम्मीदवार या कई उम्मीदवारों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करती हैं। गोवा में 11 जून को ग्राम पंचायत चुनाव होने हैं।
गोवा विधानसभा चुनाव में आप का दावा था कि वो गोवा और पंजाब में दिल्ली 2015 को दोहराएगी। वहीं कई राजनीतिक जानकार भी मान रहे थे पार्टी गोवा में अपनी प्रमुख दावेदार होगी। लेकिन जब नतीजे आए तो आप नेताओं और समर्थकों के पैरों के नीचे की जमीन खिसक गयी। पार्टी को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली। आप ने चुनाव में 39 उम्मीदवार उतारे थे। इन 39 में से 38 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी। यानी पार्टी के ये सभी उम्मीदवार कुल मतदान का 1/6 वोट पाने में विफल रहे। विधान सभा चुनाव में सभी प्रत्याशियों को पांच हजार रुपये जमानत के तौर पर जमा करने पड़ते हैं। जो उम्मीदवार कुल मतदान का 1/6 वोट पाने में विफल रहते हैं उनकी जमानत चुनाव आयोग जब्त कर लेता है। पार्टी के सीएम उम्मीदवार गोम्स भी अपनी सीट से चौथे नंबर पर रहे। पार्टी की इज्जत केवल बेनाउलिम सीट पर बची जहां आप उम्मीदवार को चार हजार से कुछ अधिक वोट मिले और उसकी जमानत बच गई।
राज्य की 40 सीटों में से 17 सीटें कांग्रेस को, 13 भाजपा को,महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी को तीन-तीन सीटें मिलीं। चार सीटें अन्य को मिलीं। दूसरे नंबर पर रहने के बावजूद भाजपा ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में छोटे दलों के समर्थन से सरकार बना ली।

