कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ एक दिन का ही समय बचा है। इसके चलते गोवा की सरकार ने कल के लिए पेड लीव का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठानों और औद्योगिक श्रमिकों के लिए पेड लीव की घोषणा की है।

हालांकि, प्रमोद सावंत सरकार के इस निर्णय से विपक्षी दल और इंडस्ट्रियल कंपनियां खुश नहीं हैं। गोवा राज्य उद्योग संघ ने कहा कि वह इस अवकाश के विरोध में कानून का सहारा भी ले सकते हैं। सरकार ने सोमवार (8 मई, 2023) को एक अधिसूचना जारी कर कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वैतनिक अवकाश घोषित किया था। इसमें सरकारी कर्मचारियों और औद्योगिक कर्मचारियों सहित निजी प्रतिष्ठानों में काम करने वालों के लिए भी छुट्टी का ऐलान किया गया था।

गोवा राज्य उद्योग संघ के अध्यक्ष दामोदर कोचकर ने राज्य सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। कोचकर का आरोप है, “गोवा में इंडस्ट्रीज को लगता है कि यह बिल्कुल बेतुका और बेवकूफी भरा फैसला है… और चुनावी लाभ के लिए लिया गया है।” आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पालेकर ने भी इस फैसले के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने एक वीडियो संदेश में आरोप लगाया, “हमारी मां म्हादेई को कर्नाटक में बेचने के बाद, भाजपा के नेतृत्व वाली गोवा सरकार पड़ोसियों को खुश करने के लिए निचले स्तर तक गिर रही है।” म्हादेई नदी के पानी के बंटवारे को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच में विवाद है।

गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने भी राज्य सरकार के फैसले की निंदा की। गोवा के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में चुनाव होने पर छुट्टी देने की प्रथा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले साल गोवा में मतदान के दिन कर्नाटक में अवकाश घोषित किया गया था।