बिहार के मुजफ्फरपुर में यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है। लेकिन इस FIR के दर्ज होने के बाद सूरत की एक नेटवर्किंग कंपनी से जुड़े बड़े जॉब रैकेट का संकेत मिल रहा है। कैसे? यह हम आपको बताने वाले हैं।

 द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पुलिस के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि  2 जून को मुजफ्फरपुर पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ये सभी डीबीआर यूनिक नाम के एक हर्बल प्रोडक्ट और नेटवर्किंग कंपनी के पदाधिकारी हैं। इन लोगों पर धोखाधड़ी, अवैध हिरासत और यौन शोषण से जुड़ी धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

कंपनी पर यौन शोषण और जॉब के नाम पर धोखा देने का आरोप 

यह पूरा मामला क्या है और यौन शोषण से जुड़ी FIR का इससे क्या कनेक्शन है, यह  मुजफ्फरपुर सिटी एसपी अवधेश दीक्षित के साथ हुई बातचीत से समझ आता है। अवधेश दीक्षित ने बताया कि अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक हैं तिलक कुमार सिंह, जिसका नाम एफआईआर में है और दूसरा अजय प्रताप, जिसका नाम एफआईआर में नहीं है। ये दोनों सूरत में मौजूद कंपनी डीबीआर यूनिक के कर्मचारी हैं। तिलक को यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि अजय प्रताप को मुजफ्फरपुर में डीबीआर यूनिक के कार्यालय में एक लड़की की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने कहा कि 2022 और 2023 के बीच हाजीपुर जिले में कंपनी के खिलाफ कम से कम चार प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जिसमें कथित तौर पर लोगों को नौकरी के लिए पैसे देकर ठगने का आरोप लगाया गया था।

शिकायत के मुताबिक सारण जिले की 23 साल की लड़की ने आरोप लगाया कि अगस्त 2022 से डीबीआर यूनिक के कर्मचारियों ने मुजफ्फरपुर और हाजीपुर छात्रावासों में दर्जनों  लड़कियों के साथ यौन शोषण किया है।  शिकायतकर्ता के अलावा दो गवाहों ने कंपनी के पदाधिकारियों पर नौकरी का वादा कर पैसे लेने का आरोप लगाया है।