झांसी में एनकाउंटर में मारे गए शूटर और असद अहमद के सहयोगी गुलाम की मां ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई को सही बताया है। उन्होंने गुलाम का शव लेने से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई सही है क्योंकि गुलाम ने किसी की जान लेकर गलत काम किया था। यूपी पुलिस की कार्रवाई को गलत बताते हुए विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं।
गुलाम की मां ने कहा, “हमारे हिसाब से तो गलत नहीं किया है। जब किसी को तुमने मारा है गलत किया है। पुलिस ने सही किया है। वो अच्छा लड़का था, मां-बाप के लिए था। 2-3 महीने से कौन इसको ले गया, कौन इसको बहकाया, पता नहीं। हम उसकी बॉडी को रिसीव नहीं करेंगे।”
वहीं, गुलाम की पत्नी बॉडी रिसीव करेंगी। इस पर गुलाम की मां ने कहा, “उसकी पत्नी का हक है ना, हम उनको मना भी नहीं कर सकते हैं। क्योंकि वो पत्नी हैं वो हमसे अलग उससे जुड़े हैं, वे ले आ सकती हैं। हम मना भी नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम अपनी जिम्मेदारी लेंगे कि हम नहीं लाएंगे बॉडी। वो ऐसा नहीं था उसे बहकाया गया है।”
गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने झांसी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक साथी गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में मोस्ट वांटेड और पांच पांच लाख रूपये के इनामी असद और गुलाम की एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। उन्होंने बताया कि उप्र एसटीएफ की टीम में पुलिस उपाधीक्षक नवेंदु और विमल शामिल थे।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए। असद उमेश पाल हत्याकांड में मोस्ट वांटेड थे। 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनरों की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया था, जिसमें अतीक का बेटा असद नजर आया था। इसके बाद से असद और गुलाम फरार थे। दो महीनों में इन्होंने 6 शहर बदले और 10 सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। पुलिस लगातार इनकी तलाश में थी और झांसी में मुठभेड़ में दोनों मारे गए।
साल 2005 में बहुजन समाज पार्टी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उमेश पाल प्रमुख गवाह थे। उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, असद सहित दो बेटों, शूटर गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।