पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार जज रावनीत गर्ग ने दहेज में दो कारें, सोनिपत में एक फ्लैट, 101 सोने के सिक्के और 51 लाख रुपये नकद लिए था। गर्ग को सेवा से निलंबित कर दिया गया है। उन पर अपनी पत्नी गीतांजलि की हत्या के लिए मुकदमा चल रहा है। गीतांजलि की साल 2013 में हत्या कर दी गई थी। पिछले हफ्ते सीबीआर्ई द्वारा अदालत में दायर किए गए आरोपपत्र के अनुसार गर्ग के परिवार ने गीतांजलि के माता-पिता पर बार-बार दहेज लेने के लिए दबाव डाला था। आरोपपत्र के अनुसार गीतांजलि के माता-पिता को दहेज देने के लिए कई बार लोन लेना पड़ा। सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार गर्ग को दहेज में स्कोडा सुपर्ब, स्कोडा लौरा कारें और सोनीपत में एक ओमैक्स फ्लैट लिया था।
30 वर्षीय गीतांजलि को पंचकुला के सेक्टर आठ स्थित पुलिस लाइंस परेड ग्राउंड में 17 जुलाई 2013 को गोली मार दी गई थी। गर्ग उस समय गुड़गांव के चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त थे। सीबीआई ने गर्ग को दहेज हत्या के मामले में इस साल आठ जुलाई को गिरफ्तार किया था। गर्ग के पिता केवल कृष्ण गर्ग और माता रचना गर्ग भी मामले में आरोपी हैं। रावनीत गर्ग इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। अदालत ने नवनीत गर्ग के माता-पिता की गिरफ्तारी पर अगली नोटिस तक रोक लगा रखी है।
सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, “नवनीत और उसके माता-पिता ने गीतांजलि के माता-पिता से भारी दहेज मांगा….उन्होंने 51 लाख रुपये नकद, 101 सोने के सिक्के, घरेलू सामान और स्कोडा लौरा कार दहेज के रूप में दिया था…” आरोपपत्र के अनुसार सीबीआई को जांच में मौखिक और दस्तावेजी सबूत मिले हैं कि गर्ग परिवार ने गीतांजलि के परिवार से 2008 में नवदीप गर्ग (नवनीत के छोटे भाई) की शादी के समय स्कोडा सुपर्ब कार (करीब 21,63,000 रुपये कीमत) मांगी। गर्ग परिवार की मांग मानने के लिए गीतांजलि के माता-पिता ने अपनी कंपनी मेसर्स अग्रवाल रिफ्रैक्टरी प्राइवेट लिमिटेड से 21,63,000 रुपये दिए थे।
आरोपपत्र के अनुसार गर्ग परिवार लगातार दहेज की मांग करता रह रहा था। गर्ग परिवार सभी खास मौकों और त्योहारों पर दहेज की मांग करता था जिसे उसके माता-पिता पूरी करते ताकि उसका वैवाहिक जीवन सुचारू रूप से चलता रहे। सीबीआई की जांच के अनुसार रावनीत गर्ग और रचना गर्ग ने गीतांजलि को बेटे को जन्म देने के लिए लिंग भ्रूण परीक्षण कराया था जिसकी वजह से वो लगातार मानसिक तनाव में रहती थी। साल 2011 में गर्ग के माता-पिता ने गीतांजलि के परिजनों से सोनीपत में जमीन मांगी थी। गीतांजलि के माता-पिता ने ओमैक्स सिटी के ब्लॉक सी में गीतांजलि के नाम से एक प्लॉट खरीदा। सीबीआई के अनुसार रावनीत गर्ग ने गीतांजलि की मौत से नौ दिन पहले इस प्लॉट को अपने नाम करवा लिया था।
सीबीआई के अनुसार रावनीत गर्ग और उसके माता-पिता ने गीतांजलि के माता-पिता से पंचकुला सेक्टर 25 में एक घर खरीदने के लिए 50 लाख रुपये मांगे थे। हालांकि गीतांजलि के माता-पिता ये मांग पूरी नहीं कर सके थे। सीबीआई के अनुसार रावनीत गीतांजलि के भाई-बहनों से भी पैसे मांगा करते थे।
