पंजाब (Punjab) में हर साल इतने रोड एक्सीडेंट (Road accident) होते हैं कि राज्य को पिछले तीन सालों में 15 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। देश में हर साल 2016 से 2019 के बीच सड़क हादसों में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 3.3 से 3.5 फीसदी मौतें पंजाब से हुई है।

सेक्टर 38 स्थित इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन, चंडीगढ़ के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ नवदीप असीजा ने गुरुवार को पंजाब (Punjab) में नेशनल हाईवे के रोड सेफ्टी एंड सोशल-इकोनॉमिक असेसमेंट पर सम्मेलन के दौरान ये आंकड़े प्रस्तुत किए। यह सम्मेलन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और पंजाब पुलिस के सहयोग से आयोजित किया गया था।

इन सड़क दुर्घटनाओं (Road accident) के मामले से पंजाब (Punjab) का कुल नुकसान लगभग 15,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। ये राशि पंजाब के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3 प्रतिशत है। इन दुर्घटनाओं के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर वार्षिक नुकसान लगभग 5,600 करोड़ रुपये रहा है। जबकि राज्य के राजमार्गों पर सालाना नुकसान लगभग 4333 करोड़ रुपये रहा है।

असिजा ने गुरुवार के सम्मेलन के दौरान आगे कहा कि तुलनात्मक आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रति किलोमीटर मृत्यु दर 0.5 थी, जो चंडीगढ़ और हरियाणा सहित कई अन्य राज्यों की तुलना में कम है।

इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन के डॉ शुचि कपूरिया ने कहा कि राजमार्गों ने कृषि बाजारों, स्वास्थ्य और शैक्षिक सुविधाओं तक पहुंच में सुधार किया है। रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। यात्रा के समय को कम किया है और यात्रा को सुविधाजनक बनाया है। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है, यह जघन्य अपराधों, जल और वायु प्रदूषण में वृद्धि, भूमि की कीमतों में उछाल के लिए भी जिम्मेदार है।

पंजाब (Punjab) में फतेहगढ़ साहिब और कपूरथला जिलों में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं (Road accident) के मामले दर्ज किए गए हैं। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने जोर देकर कहा कि ट्रैफिक पुलिस ड्यूटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह एक ऐसा मुद्दा है जो हर व्यक्ति के जीवन से संबंध रखता है। इसे ठीक करने से न केवल जीवन और समय की बचत हो सकती है, बल्कि उन दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकता है, जो हमारे प्रियजनों की मृत्यु का कारण बनती हैं। एक ओर यातायात उल्लंघन पर अंकुश लगाने और दूसरी ओर जन जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।

बता दें कि पंजाब समेत पूरे देश में रोज सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों लोगों की मौत हो जाती है तो वहीं कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। सरकार ट्रैफिक कानूनों और जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए इन दुर्घटनाओं को रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी भी ये नकाफी ही दिख रहा है।