भारत और फ्रांस की वायुसेना का सातवां युद्धाभ्यास राजस्थान के जोधपुर में चल रहा है। इस अभ्यास को “गरुड़ VII” नाम दिया गया है। इस दौरान आसमान में सुखोई और राफेल की जुगलबंदी देखने को मिली। दोनों देशों के वायुसेना प्रमुखों ने एक-दूसरे के विमानों में उडान भरी। फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष सेना के प्रमुख जनरल स्टीफन मिल ने भारतीय रूसी मूल के Su-30 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। वहीं, इंडियन एयरफोर्स के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने फ्रांसीसी वायु सेना के राफेल जेट में उड़ान भरी।

दोनों देशों के बीच इस युद्धाभ्यास की शुरुआत पिछले महीने के आखिर में हुई थी और यह अभ्यास 12 नवंबर तक चलने वाला है। इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने अनुभव एक-दूसरे के साथ साझा करेंगी। भारतीय वायु सेना ने अभ्यास में राफेल, सुखोई, तेज व जैगुआर फाइटर जैट के अलावा एलसीएच को उतारा है। वहीं, फ्रांस की सेना ने चार राफेल फाइटर जेट और मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट को उतारा है। युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस के 220 सैनिक भारत पहुंचे हैं।

यह द्विपक्षीय अभ्यास का सातवां संस्करण

जोधपुर में चल रही एक्सरसाइज द्विपक्षीय युद्धाभ्यास का सातवां संस्करण है। इससे पहले के 6 संस्करणों में से तीन भारत में और तीन फ्रांस में आयोजित किए गए थे। पहला, तीसरा और पांचवां संस्करण भारत में क्रमश: 2003, 2006 और 2014 में हुआ था। ये ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किए गए थे।

इसके बाद दूसरा, चौथा और छठा संस्करण फ्रांस मे 2005, 2010 और 2019 में हुआ था। दोनों देशों के बीच यह युद्धाभ्यास द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा। इसके साथ ही पेशेवर बातचीत, अनुभवों के आदान-प्रदान और परिचालन ज्ञान में वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा।

8 साल पहले भी जोधपुर में गरजे थे राफेल

साल 2014 में फ्रांस और भारत की वायुसेना के बीच हुए युद्धाभ्यास में राफेल अपनी ताकत दर्शा चुका है। उस समय राफेल और सुखोई के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था। तत्कालीन एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने जोधपुर में ही राफेल उड़ाकर इसका परीक्षण किया था। इसके बाद राफेल सौदा तेजी से आगे बढ़ा और फिर राफेल सौदे की नींव रखी गई थी।