Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana: बिहार के  स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। गरीब कल्याण रोजगार अभियान से न सिर्फ श्रमिकों को उनके जिले में ही रोजगार मिलेगा, बल्कि गरीबों के लिए आजीविका का अवसर भी बढ़ेगा।

स्वास्थ्य मंत्री पांडेय ने इस अभियान के तहत बिहार के 32 जिलों का चयन करने एवं सबसे पिछड़ा जिला खगड़िया से इसकी शुरूआत करने पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है। और कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों की दक्षता का सर्वे करा उन्हें रोजगार से जोड़ने को लेकर दीर्घकालीन योजना बना रही है। ताकि रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में भटकना न पडे़। साथ ही बाहर से आए बिहार के लोगों को गांव में अनावश्यक कर्ज का बोझ न उठाना पड़े।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 11 मंत्रालयों से जुड़े 25 प्रकार के काम प्रवासी श्रमिकों को मिलेंगे, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कामयाब कदम साबित होगा। 125 दिनों का कार्य दिवस प्रवासी श्रमिकों को न सिर्फ तंगहाली से राहत देगा, बल्कि अपने घर में रहने को प्रेरित करेगा।

इस अभियान से जहां बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा, वहीं स्थानीय उद्योगों को भी कौशलवीरों का लाभ मिलेगा। सूबे में श्रमिकों को ध्यान में रख कई तरह की योजनाएं शुरू की गई हैं। इससे काफी तादाद में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के साथ-साथ उनकी तरक्की का रास्ता भी खुलेगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री से शनिवार को संवाद के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार की स्थिति से अवगत कराते हुए उनसे अपेक्षित सहयोग का आग्रह किया है। ताकि प्रवासी श्रमिकों को अब कमाने के लिए बाहर नहीं जाना पड़े।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बिहार पर विशेष ध्यान देने की मांग करते हुए एमएसएमई का दायरा बढ़ाने और बैंक को और उदारवादी बनाने पर जोर दिया। ताकि यहां उद्योग धंधे का जाल फैल सके और प्रवासी श्रमिकों को उनकी दक्षता का लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री ने भी मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार की बिहार पर विशेष नजर रहेगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री पांडेय ने प्रधानमंत्री का आभार जताया है।