Jharkhand News: अजरबैजान से प्रत्यर्पित किए गए गैंगस्टर मयंक सिंह उर्फ सुनील कुमार मीणा को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया। हालांकि अधिकारियों की तरफ से पुलिस रिमांड की मांग की गई थी। मयंक सिंह पर राज्य स्तर पर जबरन वसूली के गिरोह चलाने के आरोप हैं और उससे सोमवार को झारखंड एटीएस के अधिकारी पूछताछ भी कर सकते हैं।

एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ऋषभ झा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मयंक सिंह को आज सुबह रांची लाया गया और रामगढ़ कोर्ट में पेश किया गया था। अब पुलिस और एटीएस के अधिकारी उससे सघन पूछताछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने आज रिमांड के लिए अनुरोध किया था लेकिन यह सोमवार से मिलने की संभावना है। हिरासत में आने के बाद हम उससे लगभग चार दर्जन मामलों में उसकी संलिप्तता और संगठित गिरोहों से उसके संबंधों के बारे में पूछताछ करेंगे।

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पूछताछ से अपराध के नए तार जोड़ेगी एटीएस

एटीएस अधिकारी के अनुसार मयंक सिंह का कुख्यात अमन साहू गिरोह से संबंध पहले ही स्थापित हो चुका है और आगे की पूछताछ से व्यापक नेटवर्क का पता लगाने में मदद मिलेगी। मयंक सिंह को अजरबैजान से सुबह रांची हवाई अड्डे पर लाया गया और यहां पहुंचने के बाद एटीएस मुख्यालय और फिर बिरसा मुंडा जेल ले जाया गया।

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पिछले साल बाकू से पकड़ा गया था

मयंक सिंह को पिछले साल अक्टूबर में बाकू में हिरासत में लिया गया था जिसके बाद से वह वहीं की एक जेल में बंद था। बाद में झारखंड एटीएस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की। इसी आधार पर उसे अज़रबैजान में गिरफ्तार कर झारखंड वापस लाया गया। झारखंड पुलिस के इतिहास में यह प्रत्यर्पण का पहला मामला है।

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फिरौती में मांगी थी मोटी रकम

आरोपी मयंक सिंह को पतरातू पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के सिलसिले में अदालत में पेश किया गया, जिसमें उन पर जबरन वसूली का आरोप है। FIR के अनुसार रामगढ़ निवासी 38 वर्षीय सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता, शिकायतकर्ता दिलीप डांगी ने आरोप लगाया है कि 14 और 16 सितंबर, 2022 को उनके मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप संदेश आए, जिनमें 5 लाख रुपये नकद और 30,000 रुपये प्रति माह की मांग की गई, और ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। दो अंतरराष्ट्रीय नंबरों से भेजे गए इन संदेशों में अमन साहू गिरोह के मयंक सिंह का भी नाम था।

एफआईआर में आगे लिखा है कि डांगी के पड़ोसी और क्रशर मालिक राम कृष्ण सिंह और एक अन्य स्थानीय निवासी अमरेंद्र कुमार साह को भी इन्हीं नंबरों से इसी तरह की धमकियां मिली थीं। आईपीसी की धारा 385 और 387 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जाँच संबंधित पुलिस अधिकारी को सौंप दी गई है।

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