उत्तराखंड सरकार ने ऐलान किया है कि अब से चमोली जिले का गैरसैण राज्य की ग्रीष्णकालीन राजधानी होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने सभी प्रशासनिक विभागों को नोटिस भी जारी कर दिया है। बता दें कि उत्तराखंड की नई राजधानी का विवाद सुप्रीम कोर्ट में था। दरअसल एक याचिका दाखिल कर गैरसैण को उत्तराखंड की राजधानी घोषित करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। लेकिन बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
जस्टिस आर.भानुमति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए यह याचिका ये कहते हुए खारिज कर दी थी कि यह एक राजनैतिक फैसला है, जिसके बारे में कोर्ट निर्देश नहीं दे सकता।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को इसकी मंजूरी दे दी। बता दें कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीती 4 मार्च बजट का ऐलान करते हुए इस बात का भी ऐलान किया था। लंबे समय से उत्तराखंड के लोगों द्वारा गैरसैण को राज्य की राजधानी बनाने की मांग की जा रही थी। अब सरकार ने उनकी आंशिक मांग को मानते हुए इस राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बना दिया है।
राज्य विधानसभा देहरादून में स्थित है लेकिन विधानसभा के सत्र अब गैरसैण में भी आयोजित किए जाएंगे। साल 1998 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बना था। तभी से राज्य के लोगों की मांग थी कि गैरसैण को राजधानी बनाया जाए। दरअसल गैरसैण चमोली जिले में स्थित है और कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र के बॉर्डर पर पड़ता है।
गैरसैण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने पर उत्तराखंड भाजपा के उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र का एक अहम वादा पूरा कर दिया है। बता दें कि 1990 में जब उत्तराखंड के बनने की मांग उठी थी, तभी से ही राज्य के लोगों की मांग थी कि गैरसैण को राज्य की राजधानी बनाया जाए।
