भाजपा नेता और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर का कहना है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की ओर से छावनी की गैर-सैनिक आबादी को यमुना का पानी न दिए जाने से लोग पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। तंंवर ने कहा कि दिल्ली छावनी के 5 लाख गैर-सैनिक आबादी के लोग जो झरेड़ा, पुरानी नांगल, प्रह्वादपुर, महरमनगर, ईस्ट महरमनगर, नारायणा सीबी एरिया और सदर बाजार व गोपीनाथ बाजार में रहते हैं, वहां पानी की समस्या के समाधान की बात तो दूर, जल बोर्ड या कैंट बोर्ड की ओर से पानी की पाइपलाइन तक नहीं डाली गई है।
उन्होंने कहा कि पानी की समस्या को लेकर कई बार मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र लिखे गए, लेकिन उनके कानों पर जंू तक नहीं रेंगी। तंवर ने बताया कि 2008 से 2013 तक जब वे दिल्ली छावनी के विधायक थे तो उन्होंने जल बोर्ड के अधिकारियों से मिलकर क्रिबी प्लेस से गुजरने वाली पाइपलाइन से छावनी क्षेत्र के लिए 10 इंच का कनेक्शन मंजूर कराया था, लेकिन जल बोर्ड के अधिकारियों ने उसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया।
अब वे कभी फाइल गुम होने तो कभी जल बोर्ड के अध्यक्ष कपिल मिश्रा के पास होने का बहाना बनाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। यह जनता के साथ विश्वासघात व खिलवाड़ नहीं तो और क्या है?
