पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले को लेकर शनिवार (04 मई) को कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान प्रिया की वकील ने उनसे कई सवाल-जवाब किए। एमजे अकबर एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश हुए थे। अकबर से रमानी की वकील रेबेका जॉन ने सवाल किए। ये सभी सवाल रमानी के ‘द एशियन एज’ में काम करने सहित अन्य बातों से जुड़े हुए थे। हालांकि रेबेका द्वारा पूछे गए ज्यादातर सवालों पर एमजे ने कह दिया ‘मुझे याद नहीं’। अदालत में लगभग दो घंटे तक इस मामले में सुनवाई चली। वहीं एमजे ने रमानी द्वारा लगाए गए आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
यौन उत्पीड़न का लगा था आरोपः बता दें रमानी ने ‘मीटू’ मूवमेंट के तहत अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कहा था कि यह घटना 20 साल पहले की है जब अकबर पत्रकार थे। वहीं अकबर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
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पिछले साल दिया था इस्तीफाः आरोप लगने के दौरान अकबर भारत से बाहर थे। वहां से लौटने के बाद 17 अक्टूबर 2018 को उन्होंने मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अकबर ने रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। अदालत में अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी।
इस्तीफे के बाद रमानी ने दिया था ये बयानः अकबर के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद प्रिया रमानी ने कहा था, ‘मुझे उस दिन का इंतजार है जब मुझे कोर्ट से न्याय मिलेगा।’ यही नहीं अकबर पर अमेरिका में रहने वाली एक पत्रकार भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं। महिला का कहना था कि 23 साल पहले जयपुर के एक होटल में अकबर ने उन्हें प्रताड़ित किया था। हालांकि इस पूरे मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि उनके बीच आपसी सहमति से संबंध बने थे। वहीं दूसरी तरफ महिला पत्रकार ने अकबर के बयान को खारिज कर दिया था।

