मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों में अपने पिता के मारे जाने के 11 साल बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए महाराष्ट्र के पूर्व आतंकवाद-निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे की बेटी जुई नवारे ने कहा है कि वह चाहती हैं कि हर कोई याद रखे कि उनकी मौत शहर और देश को बचाने में हुई। उन्होंने हमेशा अपने और अपने परिवार से पहले अपनी वर्दी को तवज्जो दी।
प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर जुई नवारे का रिएक्शन: अमेरिका में अपने घर से संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए नवारे ने कहा कि उसने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट आरोपी और भाजपा लोकसभा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा अपने पिता के बारे में सोशल मीडिया पर दिए बयान को पढ़ा। नवारे ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा का बयान जवाब देने लायक भी नहीं है, उस पर बातचीत कर वो इसे बढ़ावा देना नहीं चाहतीं। हेमंत करकरे रोल मॉडल थे, उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाना चाहिए।
National Hindi News 28 April 2019: दिनभर की सभी अहम खबरों के लिए क्लिक करें
क्या बोलीं जुई नवारे: जुई ने कहा- ‘उन्होंने हमें सिखाया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। कोई भी धर्म किसी को मारना नहीं सिखाता, इस विचारधारा को हराने की जरूरत है। उन्होंने अपनी 24 साल की नौकरी में सभी की मदद की। अपनी मौत के वक्त भी वो देश और शहर की सुरक्षा करने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें अपनी वर्दी से प्यार था। वर्दी को उन्होंने परिवार और खुद से पहले रखा। मैं बस इतना ही चाहती हूं कि सभी इस बात को याद रखें।’ बता दें कि 38 वर्षीय नवारे करकरे की तीन बच्चों में से सबसे बढ़ी हैं। फिलहाल वो अमेरिका में अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती हैं।
प्रज्ञा का हेमंत करकरे पर आरोप: बता दें कि करीब दो हफ्ते पहले भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार घोषित होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने दावा किया था कि मालेगांव ब्लास्ट की जांच करने वाले हेमंत करकरे को उन्होंने श्राप दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। गौरतलब है कि अक्टूबर 2008 में मुंबई हमले के एक महीने पहले महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख करकरे के नेतृत्व में 11 लोगों मालेगांव बम धमाकों की जांच में गिरफ्तार किया गया था। इनमें ठाकुर भी शामिल थीं।