गोवा कांग्रेस के पूर्व विधायक विश्वजीत राणे को कल भाजपा में शामिल किया जाएगा। पार्टी के एक नेता ने आज यह जानकारी दी।
वालपोई से पूर्व विधायक ने 16 मार्च को कांग्रेस से और विधायक के तौर पर त्यागपत्र दे दिया था। इसी दिन गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने राज्य विधानसभा में महत्वपूर्ण विश्वास मत हासिल किया था। राणे कांग्रेस के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे के पुत्र हैं।
भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख विजय तेंदुलकर ने कहा, ‘‘विश्वजीत राणे कल भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने पार्टी में शामिल होने के लिये कोई शर्त नहीं रखी है।’
यह पूछे जाने पर कि राणे को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा या नहीं, तेंदुलकर ने कहा, ‘‘इसका निर्णय मुख्यमंत्री करेंगे।’’
संपर्क करने पर राणे ने कहा कि वह कल भाजपा में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बगैर किसी शर्त के भाजपा में शामिल हो रहा हूं। मैं पार्टी और अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिये काम करना चाहता हूं।’ उल्लेखनीय है कि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 17 सीटें जीतने के बावजूद कांग्रेस के सरकार नहीं बना पाने से नाराज राणे ने पिछले माह कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी।
गौरतलब है कि विश्वजीत राणे के पार्टी छोड़ने के बाद एक और विधायक सवियो रॉड्रिग्स ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट के मुबातिक रॉड्रिग्स ने गुरुवार को गोवा विधानसभा में हुए विश्वासमत परीक्षण का जिक्र करते हुए हुआ कहा कहा था, ‘कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं, दिग्विजय सिंह इस नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं।’ बता दें, गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई।
गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा नेता और गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने भी कहा कि कांग्रेस जो अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई, उसके लिए दिग्विजय सिंह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने यहां आकर काम नहीं, बल्कि एंज्वॉय किया है।
बता दें, विश्वजीत राणे ने गुरुवार को कांग्रेस नेतृत्व से नाराजगी की बात कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। राणे ने विधायक के तौर पर शपथ लेने के कुछ घंटों बाद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। गोवा के पूर्व सीएम प्रतापसिंह राणे के पुत्र विश्वजीत राणे ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि पार्टी गोवा में अपने दायित्वों का पालन करने में नाकाम रही है।’