उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों के हमले से गांवों के लोग काफी परेशान हैं। महसी तहसील के गांवों में पांच बच्चों को भेड़ियों ने अभी तक अपना शिकार बना लिया है। वन विभाग इस मामले में जांच के बाद सक्रिय हो गया है और भेड़ियों को दूर भागने के लिए अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान हाथी के मल का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि वन विभाग के विशेषज्ञ कतर्नियाघाट जंगल के हाथियों के मल और मूल की गंध का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कैसे दूर भगाए जाएंगे भेड़िये?

बाराबंकी के आईएफएस अधिकारी आकाशदीप बधावन ने कहा कि ‘हाई फ्रीक्वेंसी ड्रोन कैमरों से छह भेड़ियों को चिन्हित किया गया था जिनमें से तीन भेड़िए पहले ही पकड़े जा चुके हैं और बचे हुए तीन भेड़ियों को पकड़ने की कवायद जारी है। आकाशदीप बधावन को इस पूरे ऑपरेशन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आईएफएस अधिकारी ने कहा, “हमारा पहला मकसद इन भेड़ियों से गांव के लोगों को सुरक्षित करना है। इसके लिए हमने पहले इन्हें रिहायशी बस्तियों से दूर ले जाने की रणनीति बनाई है और कतर्नियाघाट जंगल से हाथियों का मल और मूल मंगवाकर इसे गांवों के बाहर जगह-जगह छोड़ा जा रहा है। इससे भेड़ियों को हाथी की मौजूदगी का भ्रम होगा और वह भाग जाएंगे।”

हाथी के मल का क्यों हो रहा इस्तेमाल?

झुंड बनाकर शिकार करने वाले भेड़िये हाथी से डरते हैं। इसीलिए हाथी के गोबर में आग लगाई जाती है ताकि भेड़ियों को लगे की इस इलाके में हाथी हैं और वह इलाके से दूर भाग जाएं। DFO अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि भेड़िये मार्च के महीने से महसी तहसील के करीब दो दर्जन गांवों पर हमला कर चुके हैं। पिछले 40 दिनों में करीब 30 हमले हुए हैं, जिसमें पांच बच्चों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। वन विभाग तीन भेड़ियों को पकड़ने में कामयाब रहा है।

वन अधिकारी ने बताया कि भेड़िये एक खास पैटर्न को फॉलो करते हैं। वे घरों में सो रहे बच्चों पर हमला करते हैं और उन्हें मारकर सुनसान इलाकों में ले जाते हैं और उनके शरीर के अंगों को खा जाते हैं। जब से वन विभाग सक्रिय हुआ है, भेड़ियों ने हमला करने के समय को बदल दिया है। इलाके के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह भी रात में होने वाली गश्त में शामिल हो गए हैं और ग्रामीणों को अपने बच्चों को घर के अंदर रखने की सलाह दे रहे हैं। विधायक ने कहा, “मैं खुद भी गश्त कर रहा हूं और लोगो का मनोबल बढ़ाने के लिए गांव में बैठकें कर रहा हूं।”