आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। संसद का बजट सत्र समाप्त होने के बाद तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के कार्यकर्ता आंध्र प्रदेश में ही प्रदर्शन कर रहे हैँ। उनके विरोध प्रदर्शन से आमलोगों को दिक्कत न हो इसके लिए विरोध जताने का नया तरीका ईजाद किया गया है। टीडीपी के नेता और कार्यकर्ताओं ने सड़क के बजाय नदी में मछली पकड़ने वाले नावों के जरिये प्रदर्शन किया। यह तरीका पार्टी की काकीनाड़ा इकाई ने अपनाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, काकीनाड़ा नगर के विधायक वनमाड़ी वेंकेटेश्वर राव ने सभी नावों को मंगलवार (17 अप्रैल) को झंडा दिखाकर रवाना किया था। पार्टी कार्यकर्ता नावों से बंगाल की खाड़ी में स्थित होप आईलैंड तक गए थे। वहां से सभी प्रदर्शनकारी दोपहर बाद तक काकनाड़ा वापस लौट आए थे।
मटकी भर मिट्टी और पानी के अलावा कुछ नहीं दिया: टीडीपी विधायक वेंकेटश्वर राव ने इस मौके पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न देने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘हकीकत में प्रधानमंत्री ने मटकी भर मिट्टी और इतना ही पानी के अलावा हमें कुछ नहीं दिया। हमलोग अब यह अपमान और ज्यादा नहीं सहेंगे, बल्कि अपने हिस्से के फंड के लिए संघर्ष करेंगे।’ उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सभी दलों से आग्रह किया था कि उनके विरोध-प्रदर्शन से आमलोगों को दिक्कत न हो। इसके बाद टीडीपी की काकीनाड़ा इकाई ने नौका के जरिये विरोध करने का आइडिया दिया था।
Following instructions not to inconvenience people on the roads etc #Kakinada MLA Kondababu made about a 100 shops the vehicles of his protest demanding #SCS for #AP, reports @tweetsreekanth_ @ndtv pic.twitter.com/ppy3ycMp6f
— Uma Sudhir (@umasudhir) April 17, 2018
विशेष दर्जा की मांग पर एनडीए से अलग हुई थी टीडीपी: आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने पर टीडीपी प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया था। शुरुआत में पार्टी के मंत्रियों ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ दिन बाद टीडीपी ने गठबंधन से ही अलग होने का फैसला ले लिया था। बता दें कि टीडीपी ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर लोकसभा में नोटिस भी दिया था। हालांकि, संसद में विरोध प्रदर्शन के कारण इस पर वोटिंग नहीं हो सकी थी और न ही इस पर विचार किया गया था।