गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ वक्त पहले जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताया था। अब शायद इसी बात से प्रेरणा लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सूरत में एक जुलूस निकाला। इसमें शामिल लोग ऐतिहासिक बॉलीवुड फिल्म शोले के किरदारों मसलन- गब्बर सिंह, कालिया, सांभा और ठाकुर के गेटअप में नजर आए। कुछ लोग तो घोड़े पर सवार और हथियार-कारतूस संग भी दिखे। हालांकि, पुलिस को कांग्रेस समर्थकों का यह प्रयोग पसंद नहीं आया और कांग्रेसी म्युनिसिपल काउंसलर असलम साइकलवाला समेत 5 पार्टी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारियां दंगे की धाराओं में की गई गई हैं। पुलिस का कहना है कि नकली हथियारों की वजह से जनता के बीच भय फैल सकता था। इसके अलावा, जुलूस निकालने के लिए पुलिस से इजाजत भी नहीं ली गई थी। इस जुलूस में उमर शेख नाम के सब्जी विक्रेता ने गब्बर सिंह का किरदार निभाया था। पुलिस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही। वह घोड़े के साथ मौके से फरार होने में नाकाम रहा। उमर ने ही कथित तौर पर किरदारों के मुताबिक विग्स, घोड़े, ओपन जीप और नकली हथियारों का इंतजाम किया था।
हमारे सहयोगी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने मोबाइल फोन पर उमर से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐक्टिंग का शौक है लेकिन इससे मेरी कमाई नहीं होती। मैं कार्यक्रमों में अकेले ही परफॉर्म करता हूं। गुजर-बसर के लिए ठेले पर सब्जी बेचता हूं।’ उमर शेख ने बताया, ‘काउंसलर असलम मेरे दोस्त हैं। उन्होंने मुझसे गब्बर सिंह का किरदार निभाने के लिए संपर्क किया था। मैंने उनका प्रस्ताव तुरंत कबूल कर लिया। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वे असलम के साथ बहस में बिजी थे। मैं वहां घोड़ों के साथ फरार हो गया।’
बता दें कि सांभा और कालिया का किरदार यूथ कांग्रेस के क्रुणाल मोरी और अश्विन पटेल ने निभाया। साइकलवाला और यूथ कांग्रेस वर्कर आलिम पठान और दिग्विजय चौहान अन्य डकैतों के लिबास में थे। उनके साथ अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता जीएसटी के विरोध में बैनर लिए खड़े थे। कुछ ‘डकैतों’ ने तो हथकड़ियां भी पहन रखी थीं मानो उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस जुलूस को सूरत का टेक्सटाइल हब माने जाने वाले रिंग रोड पर निकाला गया था। दो दिन पहले ही यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टेक्सटाइल के कारोबार से जुड़े लोगों से जीएसटी के मुद्दे पर बातचीत की थी। एक किमी लंबा जुलूस जब रोहित मार्केट के नजदीक खत्म हुआ तो वहां पुलिस पहले से मौजूद थी। उन्होंने जुलूस निकालने की इजाजत लिए जाने से जुड़े सबूत मांगे। चूंकि, कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के पास ऐसा कोई सबूत नहीं था, इसलिए उन्हें आईपीसी की धारा 143 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, काउंसलर ने कहा, ‘मुझे लगा कि क्यों न शोले के किरदारों को निभाया जाए। अगर हमने इजाजत मांगी होती तो हमें पूरा विश्वास है कि पुलिस मंजूरी नहीं देती। इसलिए हमने बिना इजाजत के कार्यक्रम किया। इसके बाद हमें गिरफ्तार कर लिया गया।’