बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई लड़का अपने प्यार का इजहार करने के लिए किसी नाबालिग का लगातार पीछा करता है तो वह यौन उत्पीड़न के समान माना जाएगा। हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने आरोपी को इस मामले में पीछा करने और यौन उत्पीड़न का दोषी पाया है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता लगातार आरोपी से इनकार कर रही थी लेकिन आरोपी प्रेम संबंध रखना चाहता था।
क्या है मामला?
एक नाबालिग ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि आरोपी लड़का उसका लगातार पीछा कर रहा था। वह उससे बात करना चाहता था लेकिन वह उसके लिए तैयार नहीं था। आरोपी ने पीड़िता के सामने प्यार का इजहार भी किया था और कहा था कि पीड़िता उसके प्यार को मानेगी और हां कह देगी। हालांकि पीड़िता ने इसके लिए मना कर दिया। इसके बाद भी लड़का उसका बार-बार पीछा करता रहा।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने इस बात के सबूत दिए हैं कि उसकी आरोपी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उसने कई बार आरोपी को समझाया भी लेकिन आरोपी नहीं माना। 19 अगस्त 2017 को जब पीड़िता ने आरोपी को थप्पड़ मारा और अपनी मां को पूरा बात बताई। इसके बाद परिजनों ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कराई।
निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार
4 फरवरी 2021 को अमरावती की निचली अदालत ने आरोपी के नाबालिग का पीछा करने और पॉक्सो एक्ट को दोषी पाया। आरोपी ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती थी। आरोपी ने कोर्ट में यह भी कहा कि लड़की ने उसे झूठे मामले में फंसाया है। लड़की उस समय किसी और लड़के के साथ थी। हालांकि हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की ओर से दिए गए सबूत यह बताने के लिए काफी है कि आरोपी उसका यौन शोषण कर रहा था।