भारत के उत्तर-पूर्व का राज्य असम में मानसून से पहले की बारिश और बाढ़ ने लोगों की सामान्य जिंदगी में कहर ढा दिया है। इसके चलते लोग बुरी तरह परेशान हैं और राहत शिविरों में शरण लेने को विवश हैं। बाढ़ से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 33 हजार लोग राहत शिविर में ठहरे हुए हैं। हालत यह है कि स्टेशन से लेकर घर तक डूबे हुए हैं। राज्य के 33 में से 24 जिलों में अब तक दो लाख से अधिक लोग बाढ़ और बारिश से प्रभावित हुए हैं। 20 जिले तो पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (AASDMA) के अधिकारियों ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिणी असम के कछार जिले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि इससे पहले दीमा हसाओ (4) और लखीमपुर (1) जिलों में भूस्खलन में पांच लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन के कारण कछार जिले में छह लोग लापता हैं।

एएसडीएमए के एक बुलेटिन में कहा गया है कि 24 जिलों के 811 गांवों में कम से कम 2,02,385 लोग प्रभावित हुए और लगभग 6,540 घर आंशिक रूप से और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।

33,300 से अधिक लोगों ने 72 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि जिला प्रशासन ने 27 राहत वितरण केंद्र खोले हैं। सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में कछार, दीमा हसाओ, होजई और चराइदेव शामिल हैं।

असम के दीमा हसाओ जिले में मंगलवार 17 मई 2022 को भारी बारिश के बाद भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में क्षतिग्रस्त घर। ब्रह्मपुत्र और कोपिली नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश ने असम के कुछ हिस्सों को तबाह कर दिया है। (पीटीआई फोटो)

असम में लुमडिंग-बदरपुर खंड त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के दक्षिणी भाग को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का एकमात्र मार्ग है। यह रेल संपर्क पिछले चार दिनों से कटा हुआ है, जिससे आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के दीमा-हसाओ जिले के तहत पहाड़ी खंड में स्थिति मंगलवार को गंभीर बनी रही, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में बारिश जारी है, जिससे लुमडिंग-बदरपुर सिंगल लाइन रेलवे मार्ग प्रभावित हुआ है।