Assam Floods: पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण असम के धेमाजी जिले में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गांवों में 200 से अधिक परिवार इस बाढ़ से प्रभावित हैं। दिखारी और तेलम ग्राम पंचायत के तहत कई हेक्टेयर फसल भूमि, सड़कें जलमग्न हो गई हैं। कई ग्रामीणों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। दरअसल, असम में कल से हो रही बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति बन गई है।

इसके पहले जुलाई महीने में असम में विनाशकारी बाढ़ की स्थिति गंभीर बन गई थी। बता दें कि तकरीबन हर साल, असम में बाढ़ तीन-चार बार तबाही मचाती है। राज्य सरकार की वेबसाइट के अनुसार, इस आपदा से औसत वार्षिक नुकसान 200 करोड़ रुपये का होता है। सात अक्टूबर को असम के दौर पर गये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम सरकार से कहा था कि वह पूर्वोत्तर राज्य को दशकों तक बाढ़ से बचाने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार करे ताकि और अधिक विकास हो सके।

अमित शाह ने राज्य को दीर्घकालिक योजना की दी सलाह

अमित शाह ने इस दौरान कहा था कि राज्य के विकास और महत्वपूर्ण निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए बाढ़ से सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। राज्य सरकार को अल्पकालिक योजनाओं से परे जाना चाहिए और एक दीर्घकालिक योजना के साथ आना चाहिए, जो कि आने वाले दशकों में बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करे।

असम के विकास के लिए महत्वपूर्ण निजी निवेश जरूरीः अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री जो पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने राज्य सरकार को राज्य में आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही असम को बाढ़ मुक्त बनाने के तरीकों पर विचार करने के लिए यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि अगर राज्य को और विकास करना है और महत्वपूर्ण निजी निवेश आकर्षित करना है, तो बाढ़ से सुरक्षा जरूरी है जो राज्य की एक बारहमासी समस्या है।