चेन्नई से कुवैत जा रही इंडिगो की उड़ान में शुक्रवार को तड़के अचानक फायर अलार्म बज उठा। इससे वहां हड़कंप मच गया। विमान में सवार यात्रियों और क्रू मेंबर में अफरातफरी मच गई। पायलटों ने तत्काल सभी हवाई यातायात नियंत्रकों को आपात कोड 7700 भेजा और तुरंत इमरजेंसी घोषित कर दी। उन्होंने विमान को तुरंत उतारने का निर्णय लिया। इस वजह से विमान को उड़ान भरने के केवल 15 मिनट बाद ही वापस चेन्नई हवाई अड्डे पर उतार दिया गया। विमान में 160 से ज्यादा यात्री सवार थे। विमान देर रात करीब एक बजकर 20 मिनट पर उड़ान भरी थी।
स्मोक अलार्म आग लगने पर एक्टिव होता है : आम तौर पर स्मोक अलार्म (smoke alarm) अगर बिना आग लगे ही सक्रिय हो जाता है तो अफरा तफरी का माहौल बन जाता है। अगर यह जमीन पर होता है तो इसमें ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ता। लेकिन यदि ऐसा उड़ान भर रहे विमान में होता है तो यात्रियों में अफरातफरी मच जाती है। ऐसा ही हादसा चेन्नई से कुवैत जा रहे इंडिगो के विमान के साथ हुआ।
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शिकायत DGCA से भी की गई : दरअसल, विमान ने चेन्नई से जैसे ही उड़ान भरी, कुछ ही देर बाद उसकी आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। बताया जाता है कि कार्गो में स्मोक अलार्म एक्टिवेट हो गया था। विमान के उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही तड़के सुबह इसकी लैंडिंग करानी पड़ी। बाद में जांच पड़ताल के बाद पता चला कि यह एक गलत अलार्म था। मामले की शिकायत नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) के पास भी की गई है।
नियमों का पालन नहीं करने पर दो पायलट सस्पेंड हुए थे : अभी हाल ही में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने रनवे के नियमों का पालन नहीं करने के आरोपों में इंडिगो के दो पायलटों को तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया था। इन पर आरोप था कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के निर्देशों को इन्होंने पालन नहीं किया। जांच में भी पायलटों की मिली। इससे पहले DGCA ने स्पाइस के दो पायलटों को चार माह के लिए निलंबित किया था। यह कार्रवाई 13 जून को हैदराबाद से जयपुर जा रही विमान में तकनीकी खराबी के बाद की गई थी। बीते 31 अगस्त को ATC के निर्देश को सही तरीके से नहीं सुन पाने के कारण DGCA एक पायलट को करीब तीन महीने के लिए सस्पेंड कर चुका है।