बहू को केरोसिन से जलाकर मारने के जुर्म में सास और उसके चार बेटों को एक स्थानीय अदालत ने उम्र कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। सात साल पहले के इस मामले में मृतका का पति आरोपी नहीं था। मृतका ने मरने से पहले मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया था, जिसके आधार पर सजा सुनाई गई।
सरकारी अधिवक्ता राजेश्वर तिवारी ने बताया कि 22 फरवरी, 2009 को हुई इस हत्या के मामले में सास मेंहदा, उसके पुत्र ब्रजेश, संजय, संतोष और विनोद के खिलाफ अतिरिक्त जिला न्यायाधीश 10 ने मंगलवार शाम अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई और प्रत्येक पर साढ़े ग्यारह हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। तिवारी ने बताया कि चकेरी के वाजिदपुर के दिनेश कुमार का अपनी मां मेंहदा और भाईयों से प्रापर्टी को लेकर झगड़ा चल रहा था।
22 फरवरी, 2009 की शाम को एक बार फिर मां बेटों में झगड़ा हुआ तब दिनेश पुलिस में शिकायत की बात कह कर घर से निकल गया। इसके बाद दिनेश की मां मेंहदा, भाई ब्रजेश, संजय, संतोष और विनोद ने उसकी पत्नी रामदेवी को पकड़ लिया। फिर मां और चारों बेटों ने उस पर केरोसिन डाल कर आग लगा दी। गंभीर रूप से जल गई रामदेवी को उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बाद में उसकी मौत हो गई थी।
सरकारी वकील के मुताबिक, चकेरी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया और अस्पताल में भर्ती रामदेवी के बयान मजिस्ट्रेट ने लिए थे। रामदेवी ने कहा कि उसकी सास और उसके चारों बेटों ने उसे केरोसिन डाल कर जलाया। अदालत ने मृतका के मरने से पहले मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान को मुख्य आधार मानते हुए सास और चारों बेटों को उम्र कैद और जुर्माने की सजा सुनाई। सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया।