Karnataka: बेंगलुरू के बेलंदूर इलाके में हारालूर झील में भारी तादाद में मछलियों के मृत पाए जाने की खबर सामने आई है। बताया गया है कि जहरीले सीवेज का पानी झील में आने से मछलियों की जान चली गई। दरअसल झील में लगातार सीवेज का पानी आने से पानी की गुणवत्ता खराब हो गई। झील के पानी से मछलियों की जान जाने का मामला इससे पहले भी देखा गया है।
पिछले तीन-चार दिनों में 3-4 टन मछलियों की गई जान:
झील में काम करने वाले अमरदीप अडिगा ने बताया, “दुर्भाग्य से, जिस नाले में बारिश का पानी होना चाहिए, उसमें जहरीला सीवेज पानी आ रहा है। इसके चलते पिछले तीन-चार दिनों में 3-4 टन मछलियों की जान जा चुकी है। इसकी जानकारी हमने बीबीएमपी को दी है, हमें आश्वासन भी मिला लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है।”
इससे पहले भी आईं ऐसी खबरें:
बता दें कि इससे पहले अगस्त के महीने में भी झील में मृत मछलियों को देखा गया था। बेंगलुरु के जेपी नगर में कोठनूर झील में सीवेज का कचरा लगातार बहने के कारण 23 अगस्त को मछली के मरने की खबर सामने आई थी। उस दौरान कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) ने इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
मछलियों के मरने के मामले को संज्ञान में लेते हुए बोर्ड ने कहा था, “पानी की नाली से झील में सीवेज पानी आते देखा गया है, इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।” अगस्त में आए आंकड़ें के मुताबिक 2017 से 2022 तक बेंगलुरु में इस तरह से कुल 32 मछलियों के मरने घटनाएं देखने को मिली।
वहीं एक्शनएड एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि मछलियों के मरने की रिपोर्ट सामने आने के बाद भी केएसपीसीबी या बीबीएमपी द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया गया। बता दें कि एक्शनएड एसोसिएशन द्वारा किए गए एक रिसर्च के अनुसार, 51 प्रतिशत मछलियां झील में सीवेज पानी के आने के कारण और 23 प्रतिशत मछलियां विषाक्त पदार्थों को खाने के चलते मरी हैं। वहीं 12 प्रतिशत औद्योगिक कचड़ों के चलते मृत हुई।