Pune News: पुणे के एक कोर्ट ने एक शख्स को बरी कर दिया है। उस पर उसकी पूर्व पत्नी ने तलाक के बाद फिर से शादी करने का वादा करके रेप करने का आरोप लगाया था। पिछले हफ्ते एडिशनल सेशन जज एसआर सालुके ने शख्स को बरी करने का आदेश पारित किया था। कोर्ट ने महिला की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि दोनों के बीच में शारीरिक संबंध सहमति से बने थे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जज ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रोसिक्यूशन ने आईपीसी की धारा 376(2)(N) के तहत अपराध नहीं बनाया है, न ही इस तरह के अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। यहां तक कि अगर यह मान भी लिया जाए कि सूचना देने वाली महिला और आरोपी के बीच कोई शारीरिक संबंध था, तो भी वे ऐसा अपराध नहीं बनते, क्योंकि वे सहमति से बने थे और शादी के बहाने नहीं थे। इसका कानूनी परिणाम यह है कि आरोपी को दोषी नहीं माना जाना चाहिए और इसलिए, वह बरी होने का हकदार है।’
कोर्ट के इस फैसले के बाद महिला ने कहा कि वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘मैं निराश हूं लेकिन मैं फैसले का सम्मान करती हूं। न्याय मिलने तक मैं हाईकोर्ट में केस लड़ूंगी।’ प्रोसिक्यूशन के मुताबिक, शिकायतकर्ता महिला और पुरुष की शादी 2002 में हुई थी और उनकी दो बेटियां थीं। हालांकि, आरोपी ने 2010 में महिला को छोड़ दिया और 2012 में दोबारा शादी कर ली। 2015 में कोर्ट ने उन्हें तलाक दे दिया।
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महिला की दूसरे शख्स से शादी सिर्फ पांच महीने ही चली
तलाक के बाद महिला ने दूसरे शख्स से शादी कर ली लेकिन उनकी शादी सिर्फ पांच महीने ही चल पाई। प्रोसिक्यूशन ने कहा था कि आरोपी 2019 में फिर से महिला के संपर्क में आया। प्रोसिक्यूशन ने तर्क दिया कि महिला को दोबारा शादी का भरोसा देने के बाद उसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। जब महिला ने आरोपी से शादी के बारे में पूछा तो उसने कथित तौर पर उससे शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने 2020 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शुरुआती जांच की और बाद में आईपीसी की धारा 376(2)(एन) के तहत शख्स को गिरफ्तार कर लिया।
शादी का झूठा वादा करके बार-बार रेप किया
प्रोसिक्यूशन ने तर्क दिया कि आरोपी ने पीड़िता की मंजूरी के बिना उसे दोबारा शादी का झूठा वादा करके बार-बार रेप किया। आरोपी की ओर से पेश हुए वकील मिलिंद पवार ने तर्क दिया कि शिकायत फर्जी है और यह महिला के खिलाफ जबरन वसूली के लिए आरोपी द्वारा दर्ज कराई गई एक अन्य शिकायत का नतीजा है। उन्होंने तर्क दिया, ‘आरोपी के खिलाफ इतने गंभीर अपराध को साबित करने के लिए जरूरी पुष्टि के अभाव में मुखबिर का अकेला बयान पर्याप्त नहीं है। शिकायत दर्ज करने में बहुत ज्यादा देरी हुई है। इसका कोई कारण नहीं बताया गया है।’ लखनऊ में ढाई साल की बच्ची से रेप का आरोपी एनकाउंटर में घायल