Fatehveer Singh in Borewell Latest News Updates in Hindi: पंजाब के संगरूर में 125 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 2 साल के बच्चे फतेहवीर को करीब 109 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार (11 जून) सुबह करीब 5 बजे निकाल लिया गया। उसके शरीर पर सूजन थी, जिसके चलते उसे बठिंडा अस्पताल में एडमिट कराया गया। इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। बता दें कि बच्चे को बचाने के अभियान में एनडीआरएफ, पुलिस के साथ-साथ डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थी।
फतेहवीर गुरुवार (6 जून) शाम करीब 4 बजे खेलते वक्त बोरवेल में गिर गया था। इस घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया था। बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के समानांतर टनल खोदी गई।
2 साल के मासूम फतेहवीर को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन 5 दिन से ऑपरेशन चला रहा था, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उसे ऑक्सीजन मुहैया कराने में कामयाबी मिल गई थी, लेकिन उस तक खाना और पानी नहीं पहुंच पाया।
बता दें कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रहने वाला प्रिंस 2006 में बोरवेल में गिरा था। उस बोरवेल की गहराई 60 फुट थी और प्रिंस को 2 दिन में बाहर निकाल लिया गया था। उस वक्त प्रिंस महज 4 साल का था। अब प्रिंस 17 साल का हो चुका है।
देश में जब भी किसी बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर आती है तो कुरुक्षेत्र के प्रिंस का नाम अपनेआप जुबां पर आ जाता है। 13 जुलाई 2006 को प्रिंस 60 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था, उस वक्त वह 4 साल का था। अब प्रिंस 17 साल का हो गया है। जब उसने फतेहवीर के बोरवेल में गिरने की खबर सुनी तो बच्चे की सलामती के लिए प्रार्थना की। हालांकि, वह सफल नहीं हुई। बोरवेल से निकाले जाने के कुछ देर बाद ही फतेहवीर की मौत हो गई। ऐसे में प्रिंस ने कहा कि प्रशासन इस तरह की गलतियों से कुछ नहीं सीख रहा है।
जानकारी के मुताबिक, बच्चे को बचाने के लिए सबसे नीचे डाले गए लोहे के पाइप से खिड़की खोलकर सुरंग बनाने का प्रयास किया गया। हालांकि, यह सफल नहीं हुआ, क्योंकि बार-बार रेत गिरने से सुरंग भर रही थी। ऐसे में बचाव अभियान में देरी हुई।
बताया जा रहा है कि सुरंग खोदने में हुई गलती के कारण फतेहवीर की जान नहीं बच पाई। बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन की टीम के साथ वॉलंटियर्स, एनडीआरएफ और आर्मी की 119 असॉल्ट इंजीनियरिंग टीम ने काम किया। जिस बोरवेल में बच्चा गिरा था, उसके पास 41 इंच चौड़ी टनल बनाई गई। मशीनों से काम करना मुश्किल होने पर हाथों से खुदाई की गई। हालांकि, यह टनल गलत दिशा में खुद गई, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में देर हो गई।
बोरवेल में बच्चे के गिरने की सूचना के बाद पुलिस ने भी बचाव कार्य शुरू कर दिया। इसके लिए बोरवेल के समानांतर टनल खोदी गई, जिससे बच्चे तक पहुंचा जा सका। हालांकि, इस अभियान में काफी देर हो गई और उसे बचाया नहीं जा सका।
फतेहवीर की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हार है। उन्होंने बताया कि फतेहवीर काफी मन्नतों के बाद हुआ था।
परिजनों ने बताया कि 10 जून को फतेहवीर का दूसरा बर्थडे था। 11 जून की सुबह वह बाहर निकला तो सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी, लेकिन यह ज्यादा देर तक नहीं ठहर सकी और वह हमेशा के लिए अलविदा कह गया।
2 साल के फतेहवीर सिंह की मौत के बाद संगरूर के लोग दुखी हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बता दें कि 6 जून फतेहवीर सिंह 150 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था।
घटना के लगभग 40 घंटे बाद शनिवार (8 जून) सुबह करीब 5 बजे बच्चे के शरीर में हरकत देखी गई थी, जिसके बाद बोरवेल में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ा दी गई। वहीं, एनडीआरएफ के 26 सदस्य अभियान में जुटे थे।
जब बच्चे को बोरवेल से निकाला गया, तब उसकी हालत काफी नाजुक थी। ऐसे में उसे बठिंडा अस्पताल में एडमिट कराया गया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि मामले की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू कर दिया। इस दौरान एनडीआरएफ के करीब 26 सदस्य लगातार घटनास्थल पर बने रहे।
संगरूर में रहने वाला 2 साल का बच्चा फतेहवीर सिंह गुरुवार (6 जून) शाम करीब 4 बजे घर के बाहर खेल रहा था। उस दौरान वह बोरवेल में गिर गया था।
फतेहवीर सिंह की मौत की खबर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख जताया है। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘‘फतेहवीर की मौत की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं वाहेगुरु से प्रार्थना करूंगा कि वह उसके परिवार को इस दुख से निपटने की हिम्मत दे। राज्य में किसी भी खुले बोरवेल के संबंध में सभी डीसी से रिपोर्ट मांगी गई है, जिससे भविष्य में इस तरह की भयानक दुर्घटनाओं को रोका जा सके।’’