दिल्ली के नरेला रेलवे स्टेशन पर बृहस्पतिवार को असमान स्थिति देखने को मिली जहां सैकड़ों की संख्या में पुलिस कर्मी और करीब 20 लोग प्लेटफार्म पर नजर आए। हालांकि कोई व्यक्ति किसी रेलगाड़ी का इंतजार नहीं कर रहा था।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘रेल रोको प्रदर्शन’ के तहत पंजाब एवं हरियाणा में जगह-जगह रेलगाड़ियों को रोका गया और दोपहर तक नरेला स्टेशन पर कोई रेलगाड़ी नहीं आयी थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नरेला स्टेशन आने वाली ट्रेनों को हरियाणा के सोनीपत में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रोक दिया।
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे ने गुरुवार को रेल रोको का आह्वान किया था। किसान यूनियन चाहती हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापिस ले।

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दिल्ली के नरेला रेलवे स्टेशन पर बृहस्पतिवार को असमान स्थिति देखने को मिली जहां सैकड़ों की संख्या में पुलिस कर्मी और करीब 20 लोग प्लेटफार्म पर नजर आए। हालांकि कोई व्यक्ति किसी रेलगाड़ी का इंतजार नहीं कर रहा था।
पलवल के अटोहा गाँव के पास किसानों का 'रेल रोको' कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से पूरा किया गया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक खाली किया और अपने प्रदर्शन स्थल पर वापस जाने लगे।
जम्मू-कश्मीर में किसानों ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया।
हरियाणा के पलवल में किसानों ने रेलवे ट्रैक ब्लॉक किया।
किसानों के एक छोटे समूह ने आज बेंगलुरु के यशवंतपुर रेलवे स्टेशन पर धरना दिया। एक किसान नेता ने कहा, "जब हम रेलवे स्टेशन पहुंचे तो हमें यहां पुलिस द्वारा रेल रोको प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई थी। जब किसान यूनियनों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर इसकी घोषणा की गई तो हमें पुलिस की अनुमति लेने का इंतजार क्यों करना चाहिए।"
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध को भविष्य में पश्चिम बंगाल तक भी पहुंचाया जाएगा, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन का आगामी विधानसभा चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, "उनकी फसल एमएसपी पर नहीं बेची जा रही है। हमें चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। हम वहां के किसानों से बात करेंगे।"
गुरुवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों ने यूपी विधानसभा के बाहर किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया।
बिहार में किसानों के समर्थन में देशव्यापी रेल रोको अभियान के तहत शेखपुरा में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोकी। वहीं, जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के कार्यकर्ताओं ने पटना जंक्शन पर रेल रोको के तहत प्रदर्शन किया।
गाजियाबाद जंक्शन पर सुरक्षा का इंतजाम किया गया है।
पलवल रेलवे स्टेशन के पास तैनात पुलिसकर्मी।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि 'रेल रोको' आज दोपहर 12 बजे शुरू होगा और दोपहर 3-4 बजे तक चलेगा। टिकैत ने कहा कि यह शांति से किया जाएगा। जो लोग फंसे हुए होंगे हम उन लोगों को पानी, दूध, लस्सी और फल देंगे। हम उन्हें अपने मुद्दे बताएंगे।
किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि रेल रोको के दौरान यात्रियों को कोई दिक्कत न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। ट्रेन और यात्रियों का स्वागत फूल और माला से किया जाएगा।
किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराना चाहते हैं।
कई ट्रेनों को पंजाब में डायवर्ट या रद्द कर दिया गया है। इससे पहले पिछले साल सितंबर में किसान रेलवे पटरियों पर बैठ गए थे।
आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में 'रेल रोको' आंदोलन किया जाएगा।