Farmers Protest In Rajasthan: राजस्थान के सीमावर्ती जिले बीकानेर में शनिवार को किसान संगठन से जुड़े लोगों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, फसल सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की मांग को लेकर किसानों ने राजस्थान के बीकानेर संभाग में विरोध प्रदर्शन किया और हाईवे को जाम कर दिया। इंदिरा गांधी नहर में पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर किसान अलग-अलग जगहों पर धरने पर बैठे। इतना ही नहीं उन्होंने मीटिंग भी की। उन्होंने अपनी मांगों पूरी होने तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने की धमकी भी दी है। वहीं किसानों के इस प्रदर्शन को कांग्रेस का समर्थन मिला है।
संयुक्त किसान मोर्चा यानी एसकेएम के नेतृत्व में किसानों ने रावला, घड़साना और जैतसर समेत अलग-अलग जगहों पर बैरिकेड्स लगाकर नेशनल हाईवे 911 को जाम कर दिया। साथ ही 13 एमडी टोल नाका, रामसिंहपुर, सलेमपुरा और खाजूवाला समेत पांच अन्य जगहों को भी जाम कर दिया गया। इसकी वजह से वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं।
किसान नेता ने किया दावा
किसान नेता सत्यप्रकाश सिहाग ने दावा किया, ‘अनूपगढ़ ब्रांच में 2400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था लेकिन इंजीनियर ने जानबूझ कर कम पानी छोड़ा है। अगर सभी नहरों का पानी दो भागों में बांटकर पांच दिन तक पूरी क्षमता के हिसाब से हर किसान को दिया जाए तो कोई दिक्कत नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि अगर पीएचइडी टंकी भरने के नाम पर अनियमितता बरती गई, तो आंदोलन जारी रहेगा।
किसान आंदोलन का अबतक नहीं निकला कोई नतीजा
अलर्ट मोड में प्रशासन
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन भी पूरे अलर्ट मोड पर है। सभी तरफ चाक-चौबंद व्यवस्था की है। स्थिति पर काबू पाने के लिए चार एडिशनल एसपी और 10 डीएसपी के साथ लगभग 500 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। एडिशनल एसपी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि शांति बनाए रखने के लिए वाटर कैनन और एंटी राइट व्हीकल्स भी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से सभी जरूरी उपाय किए गए हैं और स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। एएसपी ने बताया कि डीआइजी गौरव यादव पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार और अमरजीत सिंह मेहरदा के नेतृत्व में एक किसान प्रतिनिधिमंडल के बीच एक मीटिंग हुई। हालांकि, वह आम सहमति बनाने में कामयाब नहीं हो पाए। किसानों और सरकार के बीच 22 फरवरी को होगी अगले दौर की बातचीत पढ़ें पूरी खबर…