मगरमच्छ का नाम सुनते ही लोगों के हाथ-पैर फूलने लगते हैं। यह एक ऐसा जानवर है, जो एक बार अपने जबड़े में किसी को पकड़ लेता है तो उसकी जान ले लेता है। हालांकि, ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक बुजुर्ग किसान ने अपनी हिम्मत से इस खतरनाक जानवर के हमले को नाकाम कर दिया। साथ ही, अपनी जान भी बचा ली। वन विभाग के एक अधिकारी ने ने बताया कि 58 वर्षीय भजकृष्ण प्रधान महाकलपाड़ा के जलाकाना गांव में रविवार (15 सितंबर) को नदी में मछली पकड़ रहा था। उस दौरान 8 फुट लंबे विशालकाय मगरमच्छ ने उस पर हमला कर दिया।
अपनी सूझबूझ से बचा किसान: बताया जा रहा है कि मगरमच्छ ने भजकृष्ण के दाएं हाथ को घायल कर दिया। इसके बावजूद किसान ने फुर्ती दिखाई और बांस से मगरमच्छ की आंख पर हमला कर दिया, जिसके बाद विशालकाय जानवर उन्हें छोड़कर पानी में चला गया।
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किसान बोला- मौत के मुंह से निकला: किसान ने इस घटना को ‘मौत के मुंह’ से बचकर निकलने वाला अनुभव बताया। महाकलपाड़ा के वन क्षेत्र के अधिकारी बिजॉय कुमार परीडा के मुताबिक, सुरक्षित जंगली क्षेत्रों के जलाशयों में मछली पकड़ने के लिए जाल डालना खतरनाक है, क्योंकि इनमें मगरमच्छों रहते हैं।
केंद्रपाड़ा जिले के लड़के को मगरमच्छ से बचाने के लिए पीएम ने दिया था वीरता पुरस्कार: बता दें कि कुछ इसी प्रकार पहले केंद्रपाड़ा जिले के एक गांव मेंअपने चाचा को मगरमच्छ के हमले से बचाने वाले एक नाबालिग लड़के को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया था। कंदिरा गांव में सरकारी बासुदेबपुर विद्यापीठ हाई स्कूल की 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले 15 साल के सीतू मलिक को पीएम मोदी ने 23 जनवरी 2019 को वीरता पुरस्कार दिया था। दरअसल सीतू के चाचा विनोद मलिक को मगरमच्छ ने अपने जबड़े में जकड़ रखा था। सीतू ने मगरमच्छ के मुंह पर प्रहार कर उन्हें बचा लिया था।