दिल्ली की सीमाओं पर किसान नए कृषि कानूनों और कई अन्य मुद्दों के विरोध में पिछले 8 महीने से धरने पर बैठे हैं। उधर सरकार का दावा है कि किसान खुश हैं और सरकार की योजनाओं का लाभ उनतक पहुंच रहा है।

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार किसानों की खुशहाली का दावा करते हुए एक विज्ञापन छपवाई थी। उसी विज्ञापन को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम किसानों के बीच चले गए और विज्ञापन के दावों पर किसानों से उनकी राय जाननी चाहिए। गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर जब एंकर ने किसानों से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें पैसा नहीं मिला है।

किसान ने कहा- “एक पैसा भुगतान नहीं हुआ है, भुगतान बिलकुल नहीं हुआ है गन्ने का। जनवरी तक का भुगतान हुआ है, सारा बाकी है। हमारा बकाया मोदी नगर मील के साथ-साथ एक और मील पर है।”

एंकर ने कहा कि किसान यूनियन का दावा है कि लगभग 12 हजार करोड़ रुपया सरकार पर बाकी है। किसानों ने शिकायत की कि योगी सरकार के 4 साल हो गए, गन्ने का मूल्य एक रुपया भी नहीं बढ़ाया, डीजल महंगा हो गया लेकिन मूल्य नहीं बढ़ा। एक और किसान ने कहा कि पिछले साल का भी लगभग पैसा बाकी है। किसान ने कहा- “कसम खाकर इन्होंने कहा था कि 14 दिन में पेमेंट हो जाएगा, आजतक नहीं हुआ। सरकार कुछ भी छपवा दे।”

योगी सरकार के विज्ञापन को लेकर कांग्रेस महासचिव और उत्तरप्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा था। प्रियंका गाधी ने कहा-  “किसान इस देश की आत्मा हैं। उप्र सरकार फुल पेज विज्ञापन देकर किसानों की बदहाली छिपा नहीं सकती। बताइए आपने क्या किया? छुट्टा पशुओं को लेकर? फसल नुकसान के मुआवजे पर? गन्ना मूल्य के भुगतान पर? काले कृषि कानूनों पर? महंगाई और बिजली के दाम को लेकर?” 

बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों की मांग है कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी पर कानून बने। इसके अलावा भी और कई समस्याएं हैं, जिसे दूर करने के लिए किसान धरने पर बैठे हैं। किसानों के इस धरने को अब 9 महीने होने वाले हैं। सरकार कानून में संशोधन के लिए तैयार है लेकिन वापस लेने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं दिख रही।