रेलवे पुलिस बल और जीआरपी ने एक फर्जी लोको पायलट को पकड़ा है। वह गुरुवार सुबह नेताजी एक्सप्रेस में टूंडला से फफूंद स्थित ससुराल जाने को पायलट के केबिन में सवार हुआ था। उसकी नेम प्लेट और आईडी कार्ड में अलग-अलग मंडल लिखा हुआ नजर आया। इसके बाद शक हुआ और कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी गई।

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, जानकारी मिलने के बाद एसआई संतोष कुमार अपनी टीम के साथ में मौके पर पहुंचे। उसकी नेम प्लेट में तो प्रयागराज मंडल लिखा हुआ था और आईडी कार्ड में दानापुर मंडल था। जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम आकाश बताया और कहा कि वह फिरोजाबाद के कौशल्या नगर का रहने वाला है। उसने यह भी कहा कि वह ट्रेन में फ्री में सफर करने के लिए लोको पायलट बनता है।

रिश्तेदार से सीखा तौर-तरीके

फर्जीवाड़े के आरोपी का एक रिश्तेदार रेलवे में लोको पायलट के पद पर तैनात है। इसी का फायदा उठाते हुए आकाश ने यूनिफॉर्म को पहनना, बोलचाल के तौर-तरीके धीरे-धीरे सीख लिए। इसके बाद एकदम लोको पायलट की जैसी वर्दी सिल्वा ली और ट्रेन में फ्री यात्राएं करनी शुरू कर दी। यह आरोपी केवल यूपी ही नहीं बिहार और दिल्ली तक की यात्राएं करने लगा। यह सब करना उसे अच्छा लगने लगा और उसका हौसला बढ़ता गया। वह चार सालों में फ्री यात्राएं करने लगा।

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दसवीं में फेल हो चुका आरोपी

आकाश नाम का यह आरोपी रेलवे में भर्ती होना चाहता था। वह दसवीं में फेल हो चुका है। दसवीं में फेल होने के बाद उसका पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था। वह अपने लोको पायलट रिश्तेदार से बोलचाल और रहने के तौर तरीके सब सीख गया। आरपीएफ ने बहुत ही सख्त लहजे में जब आरोपी आकाश से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह सफाई कर्मी के पद पर तैनात है। अब आरोपी से बिंदुवार तरीके से पूछताछ की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं आरोपी लोगों से फर्जी नौकरी लगवाने के नाम पर तो ठगी नहीं कर रहा था।