दिल्ली मेट्रो में अभी रोजाना साठ लाख से ज्यादा लोग यात्रा कर रहे हैं। मेट्रो स्टेशनों तक आवागमन और सुगम बना और बेहतर बना कर यात्रियों की तादाद में करीब 40 फीसद तक और इजाफा किया जा सकता है। यह जानकारी मेट्रो रेल निगम के निदेशक (सिविल व लास्टमाइल कनेक्टिविटी ) सलीम अहमद ने एक कार्यक्रम के दौरान ’’जनसत्ता’’ से बातचीत में दी।

उन्होंने बताया कि मेट्रो से यात्रियों के अपने गंतव्य तक आवाजाही के बहुविध साधनों को आपस में जोड़कर व उन तक आसान पहुंच सुगम बना कर यात्रियों की यात्रा को और आरामदायक किया जा रहा है। उन्होने बताया कि जल्द ही दिल्ली मेट्रो में ई आटो सेवा भी मिलने लगेगी । इसके बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि अभी मेट्रो स्टेशनों से आगे की यात्रा के लिए रिक्शा, ई रिक्शा, आटो, ई बाइक, साइकिल, आरटीवी व फीडर बसें हैं।

लेकिन दिल्ली में तमाम इलाके ऐसे हैं जहां मेट्रो मुख्य सड़क पर है जहां सुरक्षा का लिहाज से ई रिक्शा चलाने की परिवहन विभाग की मंजूरी नहीं है या तमाम ऐसे इलाके हैं जहां रिक्शे भी नहीं जा सकते। इसलिए यात्रियों को मेट्रो तक पहुंचने या मेट्रो से अपने गंतव्य तक जाने में दिक्कत आती है। इसलिए ऐसे तमाम इलाकों में यात्रियों की सुविधा के लिए डीएमआरसी ई-आटो लाने जा रही है।

उन्होंने बताया कि पहले चरण में 800 ई आटो लाने जा रहे हैं इनमें से 700 ई आटो सितंबर-अक्तूबर तक आ जाएंगे। खास बात यह भी है कि यह आटो महिलाएं चलाएंगी। स्टेशनों के पास इन ई-आटो को खड़ा करने की जगह व चार्जिंग की सुविधा होगी। जिसका नाममात्र का शुल्क लिया जाएगा। इसी तरह डीटीसी की बसों के स्टैंड भी आसान पहुंच में हों यह भी कोशिश है।

उन्होंने यह भी बताया कि इसी तरह दिल्ली मेट्रो के 50 स्टेशनों पर उबर की सेवाएं ली जा सकती हैं। इनको भी स्टेशनों के पास पार्किंग व कम शुल्क पर जगह दी जा रही है।आगे यह सुविधा 150 स्टेशनों पर मुहैया कराई जाएगी ताकि यात्री जरुरत के हिसाब से तुंरत उबर सेवा भी ले सकें। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन हवाई अड्डे, बस अड्डे सभी को मेट्रो से जोड़ दिया गया है ताकि बाहर से आने जाने वाले भी मेट्रो सेवा ले सकें। वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के विशेषज्ञ (फीडर बस प्रणाली) सुदीप पात्रा ने कहा कि मार्च तक रैपिड रेल पांच स्टेशनों के बीच शुरू कर दी जाएगी।

दिल्ली में आवाजाही होगी आसान

स्टेशन तक पहुंच व सहज आवागमन कार्यक्रम (स्टेशन एक्सेस एवं मोबिलिटी प्रोग्राम (स्टैंप)) के साथ दिल्ली मेट्रो में सफर अब और भी आसान हो गया है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग एवं दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने मेट्रो के साथ बहुप्रकार परिवहन व्यवस्था को आपस में जोड़ने व सुधार लाने के लिए टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन (टीएमएफ) और विश्व संसाधन संस्थान भारत (डब्लूआरआइ इंडिया) के साथ गुरुवार को स्टैंप दिल्ली समझौते पर दस्तखत किए।

इस मौके पर दिल्ली परिवहन विभाग के मुख्य सचिव एवं आयुक्त आशीष कुमार ने कहा कि दिल्ली के विकास के साथ प्रभावी मास ट्रांजिट की मांग भी लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते आधुनिक तकनीकों की आवश्यकता बढ़ी है। शहर में दक्ष और सुगम परिवहन के लिए एकीकृत परिवहन व्यवस्था विकसित करना अनिवार्य है। हमारी साझेदारी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जो दिल्ली को पर्यावरण के अनुकूल, आसान एवं मल्टी-माडल परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराएगी।

स्टैंप दिल्ली इस कार्यक्रम का सातवां संस्करण है, भारत के विभिन्न शहरों को उच्च गुणवत्ता की लास्ट माईल कनेक्टिविटी सुविधाजनक बनाने के लिए इसकी शुरूआत दिसंबर 2016 में टीएमएफ और डब्लूआरआइ इंडिया द्वारा की गई। सार्वजनिक परिवहन, मल्टीमोडल गतिशीलता, डाटा आधारित नियोजन एवं कार्बन-कम करने वाली तकनीकों को बढ़ावा देना इसका मुख्य उद्देश्य है। यह जानकारी कार्यक्रम में दी गई।

इसके तहत दिल्ली में स्वच्छ, डिजिटल एवं इंटरकनेक्टेड परिवहन उपलब्ध कराने के डाटा आधारित समाधानों एवं रणनीतियों पर काम किया जा रहा है। राजधानी की सड़कों पर मास ट्रांजिट को सुगम बनाना और दिल्ली मेट्रो के यात्रियों को सहज सेवाएं प्रदान करना इसका मुख्य उद्देश्य है। जारी बयान के मुताबिक डीएमआरसी के महाप्रबंधक विकास कुमार ने कहा कि स्टैंप के साथ साझेदारी तथा मेट्रो के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए निवेश करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। चैलेंज के माध्यम से डीएमआरसी यात्रियों एवं हमारे अंतिम गंतव्य के भागीदारों के लिए परिवहन के स्मार्ट और सुरक्षित साधनों का निर्माण कर रहा है।

डब्लूआरआई इंडिया के निदेशक परिवहन पवन मुलुकुटला ने कहा कि स्टैंप दिल्ली तीन मुख्य क्षेत्रों में काम करेगा। पहला यह गतिशीलता के एक मंच का निर्माण करेगा जिससे यात्री एक ही जगह पर विभिन्न परिवहन सेवाओं की जानकारी ले सकेंगे और सार्वजनिक परिवहन से अपनी यात्रा की योजना बना सकेंगे। दूसरे, यह शेयर्ड आटो, ई-रिक्शा का लाभ उठाने के लिए काम करेगा जिससे यात्रियों को मांग के आधार पर सेवाओं से लाभान्वित किया जा सकेगा।

टोयोटा फाउंडेशन एशिया क्षेत्र के कार्यकारी कार्यक्रम निदेशक प्रास गणेश ने कहा कि यह भीड़भाड़ वाले इलाकों में बेहतर मल्टीमोडल मोबिलिटी को सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणिक तकनीक है जो पहले भी छह शहरों में अपनाई जा चुकी है। यह भारत सरकार के मास रैपिड ट्रांजिट दृष्टिकोण के अनुरूप यात्रियों को परिवहन का एकीकृत एवं सहज अनुभव प्रदान करती है।